बिज़नेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
अपडेटेड सत, 09 मई 2020 11:17 AM IST
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देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने निराश किए गए डिपॉजिट (FD) पर मिलने वाले ब्याज में भी कमी कर दी है। दो करोड़ रुपये से कम की नाकाम डिपोजित पर एसबीआई की नई वस्तुओं 12 मई 2020 से लागू होगी। तीन साल की अवधि के फ्लिप टर्म डिपॉजिट पर अब 20 आधार अंक कम ब्याज मिलेगा। वहाँ तीन से 10 साल तक की एफडी पर कोई बदलाव नहीं किया गया है।
आइए जानते हैं कि दो करोड़ से कम की एफडी पर आपको कितना ब्याज मिलेगा।
अवधि | आम नागरिकों के लिए नया पास (12 मई 2020 से) | वरिष्ठ नागरिकों के लिए नया पास (12 मई 2020 से) |
सात से ४५ दिन | ३.३ प्रति | 3.8 प्रति |
46 46 179 दिन | 4.3 प्रति | 4.8 प्रति |
180 से 210 दिन | 4.8 प्रति | 5.3 प्रति |
211 से एक वर्ष | 4.8 प्रति | 5.3 प्रति |
एक साल से दो साल | 5.5 प्रति | 6.0 प्रति है |
दो साल से तीन साल | 5.5 प्रति | 6.0 प्रति है |
तीन साल से पांच साल | 5.7 प्रति | 6.2 प्रति है |
पांच साल से 10 साल | 5.7 प्रति | 6.2 प्रति है |
ऐसे चुनें सही एफडीआई
- बैंक हर अवधि की एफडी पर अलग-अलग ब्याज दर देते हैं। निवेश की उपलब्धि को सही अवधि और ज्यादा ब्याज दर को देखते हुए चुनें।
- पैसे लगाने से पहले बैंक की साख को व्याख्याएं और क्रिस्टिल, इकरा की रेटिंग की जांच करें।
- भुगतान के तरीकों की जानकारी लें। बैंक संचयी एफडी में ब्याज दर का भुगतान परिपक्वता अवधि पर ही करते हैं। गैर संचयी एफडी पर ब्याज का भुगतान विकल्प के तहत तिमाही, वार्षिक या सालाना हो सकता है।
स्वचालित एसबीआई एफडीआई खाता खोलने का तरीका
- सबसे पहले आपको एसबीआई (एसबीआई) की नेट बैंकिंग वेबसाइट पर आईडी-पासवर्ड डालकर @ करना होगा।
- अब नकली डिपॉजिट विकल्प में जाकर आपको ई-टीडीआर / ई-एसटीडीआर (एफडी) पर क्लिक करना होगा। यहाँ टीडीआर का अर्थ है टर्म डिपोजिट और एसटीडीआर यानी विशेष शब्द डिपॉजिट।
- अब एफडी का प्रकार चुनेंकर आपको प्रोसीड पर क्लिक करना होगा।
- ध्यान रहे कि अगर आपके पास एक से अधिक बैंक खाता है, तो आपको उस खाने पर क्लिक करना होगा, जिसका पैसा आप ट्रांसफर करना चाहते हैं।
- अब एफडी प्रिंसिपल वेल्यू का चयन कर ‘अमाउंट’ कॉलम भरें।
- इसके साथ ही आपको जमा की अवधि को भी चुनना होगा।
- इसके बाद ग्राहकों को ऑटो-रिन्यू प्रिंसिपल और इंटरेस्ट, या ऑटो रिन्यू प्रिंसिपल और रि-पे इंटरेस्ट या रि-पे प्रिंसिपल और इंटरेस्ट में से किसी विकल्प को चुनना होगा।
- बाद में ग्राहकों को इसे भेजना होगा, जिसके बाद उनका एफडी खाता खुल जाएगा। खाता खुलने के बाद ग्राहकों को एफडी की जानकारी दिखाई देगी।
नोट: एफडी खाता खोलने के बाद ग्राहक ट्रांजेक्शन नंबर को नोट कर लें। हो सके तो इसके प्रिंट को भी हटा दें।