राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का जनता दल यूनाइटेड में हुआ विलय
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इससे पहले कुशवाहा ने पार्टी के विलय को लेकर प्रेसवार्ता में पत्रकारों से बातचीत भी की। प्रेसवार्ता के बाद उपेंद्र कुशवाहा जदयू कार्यालय पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनका पूरे जोश के साथ स्वागत किया। नीतीश कुमार ने कुशवाहा को फूलों का गुलदस्ता भेंटकर उनका अभिनंदन किया। इसके बाद दोनों नेता गले मिलते नजर आए।
Upendra Kushwaha has been appointed as Chairman of National Parliamentary Board of JD(U), with immediate effect: Nitish Kumar, Chief Minister and JD(U) leader after merger of Upendra Kushwaha led-RLSP with JD(U) pic.twitter.com/CgX17WmzPp
— ANI (@ANI) March 14, 2021
उल्लेखनीय है कि उपेंद्र कुशवाहा करीब आठ साल बाद जदयू में वापस आए हैं। जदयू से अलग होने के बाद उन्होंने वर्ष 2013 में रालोसपा का गठन किया था। जदयू में शामिल होने पर कुशवाहा ने कहा कि यह जनता का जनादेश है। उन्होंने आगे कहा कि यह मेरा नहीं बल्कि पार्टी की राष्ट्रीय परिषद का फैसला है।
वहीं इस मौके पर कुशवाहा ने नीतीश कुमार को अपना बड़ा भाई बताया और कहा कि उन्हें पार्टी या सरकार में किसी पद का कोई लालच नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हम बिहार के लोगों के लिए काम करना चाहते हैं। इस विलय से बिहार के न्याय पसंद और गरीब लोग मजबूत होंगे।’
कोईरी बिरादरी से आने वाले कुशवाहा राजनीति में लंबे अरसे से सक्रिय रहे हैं। वह बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद भी संभाल चुके हैं। यहां ध्यान देने वाली बात है कि बिहार में विधानसभा चुनाव 2020 में जदयू को कम सीटें मिली थीं, जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजनीतिक समीकरण को मजबूत करने में लग गए। इसी के तहत उन्होंने रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से मिलकर पार्टी का विलय जदयू में कराया।
बिहार में कुर्मी समाज की आबादी लगभग चार प्रतिशत है। नीतीश कुमार भी इसी समाज से आते हैं, जिसकी संख्या सबसे कम है। माना जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा का नीतीश कुमार से हाथ मिलाने के बाद जदयू को काफी फायदा होगा।