न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sat, 23 May 2020 10:09 AM IST
प्रवासियों से बात करते राहुल गांधी (फाइल फोटो)
– फोटो : PTI
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सार
- राहुल गांधी ने शनिवार को प्रवासी मजदूरों को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री जारी की
- प्रवासियों ने राहुल को बताया कि उनका घर से बाहर निकलना गुनाह हो गया था
- राहुल ने कहा कि सरकार यदि मदद कर सकती है तो उसे करनी चाहिए
विस्तार
प्रवासियों ने राहुल को बताया कि उनका घर से बाहर निकलना गुनाह हो गया था। पुलिस के अलावा स्थानीय लोग भी उन्हें बाहर निकलने पर मारते थे। पुलिस वाले दो बार आते थे। एक महिला ने भावुक होते हुए राहुल से कहा कि हमें हमारे गांव पहुंचा दीजिए। हमें वापस हरियाणा नहीं पहुंचाना। हमें गांव जाना है। मजदूरों ने बताया कि वे हरियाणा में जहां रहते थे वहां पांच-पाच हजार का सामान छूट गया है जो वापस नहीं आ सकता।
राहुल गांधी ने कहा कि लॉकडाउन लागू हुए अब लगभग दो महीने हो चुके हैं। भारत लाखों प्रवासी पुरुषों, महिलाएं और बच्चों की तस्वीरों और वीडियो से शर्मिंदा हो गया है, जो सुरक्षित अपने गृहनगर और गांव जाने की पूरी तरह से कोशिश कर रहे हैं। हाईवे पर कई किलोमीटर पैदल चलकर, ट्रकों में या हर तरह के वाहन के जरिए अपने घर की ओर जाते हुए इन प्रवासियों की तस्वीरें और वीडियो ने हर भारतीय को झकझोर दिया है।
राहुल ने 13 करोड़ परिवारों को 7,500 रुपए देने की मांग की
राहुल ने कहा कि सरकार यदि मदद कर सकती है तो उसे करनी चाहिए। वीडियो में उन्होंने मांग की है कि श्रमिकों के साथ न्याय होना चाहिए। सरकार को तुरंत उनके खातों में पैसे हस्तांतरित करने चाहिए। 13 करोड़ परिवार को 7,500 रुपये दिए जाने चाहिए। वीडियो के आखिर में राहुल ने कहा कि मेरे प्रवासी श्रमिक भाई बहनों, आप इस देश की शक्ति हो। हिंदुस्तान की शक्ति को सक्षम बनाना हमारा कर्तव्य है।