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पीआईए लंबे समय से वित्तीय घाटे के दौर से गुजर रही है। डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, नकदी की तंगी से जूझ रही कंपनी ने विमान के तकनीकी इतिहास का विवरण देते हुए एक सारांश जारी किया है। इसमें कहा गया कि विमान के इंजन, लैंडिंग गियर और मेजर एयरक्राफ्ट प्रणाली में कोई समस्या नहीं थी।
पीआईए की इंजीनियरिंग और रखरखाव विभाग के अनुसार, प्लेन की आखिरी बार इस साल 21 मार्च को जांच की गई थी और इसने दुर्घटनाग्रस्त होने से एक दिन पहले मस्कट से लाहौर तक उड़ान भरी थी।
रिपोर्ट में बताया गया है कि दोनों इंजनों की हालत संतोषजनक थी और रखरखाव की जांच कुछ अंतराल पर की जा रही थी। इसमें कहा गया है कि देश के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएए) द्वारा पांच नवंबर, 2020 तक विमानों को उड़ानों के लिए फिट घोषित किया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि छह नवंबर, 2014 से पांच नवंबर, 2015 के लिए एयरबस विमान की उड़ान योग्यता का पहला प्रमाणपत्र जारी किया गया था। आगे कहा गया कि हर साल प्लेन की पूरी जांच के बाद उड़ान योग्यता प्रमाणपत्र जारी किया जाता था।
सरकार ने इस घटना की जांच के लिए विमान दुर्घटना और जांच बोर्ड के अध्यक्ष एयर कमोडोर मुहम्मद उस्मान गनी के नेतृत्व में एक जांच दल का गठन किया है। टीम कम से कम समय के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। हालांकि, एक महीने के भीतर प्रारंभिक बयान जारी किया जाएगा।
गौरतलब है कि शुक्रवार को कराची हवाईअड्डे के पास घनी आबादी वाले रिहायशी इलाके में पीआईए की उड़ान पीके-8303 के दुर्घटनाग्रस्त होने से इसमें सवार 99 लोगों में से 97 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में नौ बच्चे भी शामिल थे। वहीं, चमत्कारिक रूप से दो लोगों की जान बच गई।
खबरों के मुताबिक लाहौर से उड़ान भरने वाला पीआईए का एयरबस ए-320 कराची के जिन्ना अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरने से एक मिनट पहले मलीर कैंट में गेट नंबर 2 के पास मॉडल कॉलोनी के नजदीक दुर्घटनाग्रस्त हुआ।