• कर्ज पर ब्याज दरें अब 7.40 प्रतिशत से घटकर 7.25 प्रतिशत हो गई हैं
  • एफडी पर भी ब्याज दरों में 0.20 प्रतिशत की कटौती कर दी गई है
  • कर्ज और एफडी पर नई ब्याज दरें 10 और 12 मई से प्रभावी हो जाएंगी

दैनिक भास्कर

07 मई, 2020, शाम 04:48 बजे IST

मुंबई। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने ग्राहकों को तोहफा देते हुए ब्याज दरों में कमी का ऐलान किया है। बैंक ने कर्ज पर ब्याज दरों में 0.15 प्रतिशत की कटौती की है। अब ब्याज दरें 7.40 प्रति से घटकर 7.25 प्रति पर आ गई हैं। इसके साथ ही उसने ग्राहकों की डिपॉजिट पर भी 0.20 प्रतिशत ब्याज बेच दिया है। ऋण पर ब्याज इकाइयों में कमीने से मासिक किश्त में 225 रुपए की कमी आईगी।

आरबीआई ने मार्च में गया को पास कर दिया था

ऋण पर नई संख्या 10 मई से और एफडी पर नई संख्या 12 मई से लागू होगी। बता दें कि आरबीआई ने मार्च में ही रेपो रेट में 0.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। आरबीआई अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए मार्च में रेपो रेट 0.75 प्रतिशत तक भया था। बैंक द्वारा www.LR में लगातार 12 वें और वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी कटौती की गई है। मार्च से अब तक एफडी की दरों में तीन बार कटौती की गई है। इससे पहले अप्रैल में एसबीआई ने ब्याज दरों में 0.35 प्रतिशत की कटौती की थी। इस फैसले के बाद। एलआर पर आधारित लोन पर ईएमआई में कमी होगी।

7 से 45 दिन की एफडी पर 3.5 प्रतिशत ब्याज
एसबीआई ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। इसी तरह एफडीआई की ब्याज दरों में भी एसबीआई ने कटौती की है। नई दरों के मुताबिक 3 साल की एफडी पर बिक्री 0.20 फीसदी तक कम हो गई है। वर्तमान में एसबीआई 7 दिन से 45 दिन की एफडी पर 3.5 प्रति की दर से ब्याज दे रहा है। जबकि 46 दिन से 179 दिन के लिए यह 4.5 प्रतिशत और 180 दिन से लेकर एक वर्ष से कम अवधि के लिए यह 5 प्रतिशत है।

25 लाख रुपए और 30 साल की अवधि के कर्ज पर बचेगा 225 रुपए मासिक

ब्याज दरों में इस कटौती के बाद जिन ग्राहकों का खाता सुश्रीएलआर से जुड़ा है, वे इसका फायदा करेंगे। उदाहरण के लिए अगर किसी ने 25 लाख रुपए का कर्ज 30 साल के लिए लिया है तो उसकी ईएमआई 225 रुपए कम हो जाएगी। वरिष्ठ नागरिकों के लिए एसबीआई ने नई डिपॉजिट स्कीम पेश की है, जिसे एसबीआई वी कैर डिपॉजिट नाम दिया गया है। बता दें कि होम लोन में एसबीआई की 34 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है, जबकि औटो लोन में 34.86 प्रतिशत हिस्सा है। दिसंबर 2019 तक बैंक की कुल 31 लाख करोड़ रुपये की डिपॉजिट थी।

2016 से सुश्रीएलआर का नया फॉर्मूला लागू है

आरबीआई द्वारा बैंकों के लिए तय फॉर्मूला फंड की मार्जिनल कॉस्ट पर आधारित है। इस फॉर्मूले का उद्देश्य ग्राहक को कम ब्याज दर का फायदा देना और बैकों के लिए ब्याज दर तय करने की प्रक्रिया में मार्गदर्शन लाना है। अप्रैल, 2016 से ही बैंक नए फॉर्मूले के तहत मार्जिनल कॉस्ट से लेंडिंग रेट तय कर रहे हैं। Www.LR फॉर्मूले का फायदा नए और पुराने दोनों ग्राहकों को मिलता है। जिस ग्राहक ने www.LR बदलने से पहले लोन लिया है और उसका लोन लेंडिंग रेट फॉर्मूले से जुड़ा हुआ है, तो सुश्रीएलआर घटने के साथ ही उसकी ईएमआई कम हो जाती है।

जब बैंक उधारी पर ब्याज तय करते हैं, तो वे बदली हुई स्थिितियों में खर्च और मार्जिनल लागत भी गणना करते हैं। सुश्रीएलआर को तय करने के लिए चार फैक्टर को ध्यान में रखा जाता है। इसमें फंड का अतिरिक्त चार्ज भी शामिल होता है। निगेटिव कैरी ऑन सीआरआर भी शामिल है।





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