• एक दिन पहले फ्रैंकलिन के सीईओ ने स्कीम्स को बंद करने के पीछे से बीबी के नियम को कारण बताया था
  • निवेशकों का पैसा जल्द लौटाने पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह सेबी ने फ्रैंकलिन टेंपल्टन को दी है

दैनिक भास्कर

08 मई, 2020, 12:16 PM IST

मुंबई। पूंजी बाजार परिचालन सेबी और म्यूचुअल फंड कंपनी फ्रेंकलिन टेंपल्टन आमने-सामने आ गए हैं। सेबी ने गुरुवार की देर रात कहा कि फ्रैंकलिन टेंपलटनर्स के पैसे तुरंत वापस कर दें। सेबी का यह आदेश तब आया है, जब एक दिन पहले फ्रैंकलिन के सीईओ ने आरोप लगाया था कि सेबी के एक नियम की वजह से उसे 6 स्कीम्स को बंद करना पड़ा।

म्यूचुअल फंड स्कीम्स अभी भी बहुत अधिक जोखिम वाले डेट में कर रहे हैं

सेबी ने कहा कि फ्रैंकलिन टेंपलटन 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां अपने छह डेट स्कीम्स बंद करने के बाद निवेशकों को जल्द ही जल्द धन लौटाने पर ध्यान दे। सेबी ने कहा कि कुछ म्यूचुअल फंड स्कीम्स अभी भी उच्च जोखिमों वाली और अपारदर्शी डेट सिक्योरिटीज में निवेश कर रहे हैं।) सेबी ने कहा कि निवेश ढांचे की समीक्षा करने और अधिकारियों के मतभेद की रक्षा के लिए इसमें संशोधन किए जाने के बावजूद ऐसा किया जा रहा है।

अक्टूबर 2019 में सेबी ने नया नियम लाया था

सेबी ने कहा कि उसने फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड को 6 डेट स्कीम्स को बंद करने के संदर्भ में निवेशकों का धन जल्द लौटाने पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी है। बता दें कि इससे पहले फ्रैंकलिन के सीईओ जेनिफर जॉन्सन ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कहा कि सेबी के नियम ने उनके कुल फंड के एक चरण को ‘अनाथ’ कर दिया क्योंकि सेबी के सर्कुलर के बाद इन एनसीडी में ट्रेड नहीं किया गया। नियम के तहत सेबी ने अक्टूबर 2019 में सभी म्यूचुअल फंड्स के लिए अनिवार्य कर दिया था कि वह अनीस्टेड नॉन-कन्वर्टिबल डिबोंड (एनसीडी) के कुल पूंजी का 10 फीसदी पर कैप पाते हैं।

अप्रैल में फ्रैंकलिन ने 6 डेट स्कीम्स बंद कर दिए थे

बता दें कि अप्रैल में फ्रैंकलिन टेंपल्टन ने अपनी 6 डेट स्कीम्स को बंद कर दिया था। इस स्कीम्स में निवेशकों के पैसे फंसे हैं। हालांकि फ्रैंकलिन अभी भी निवेशकों को पैसे वापस करने के लिए कह रहा है।

एंफी के आंकड़ों के मुताबिक मार्च महीने में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री से कुल 2.3 लाख करोड़ रुपये निकाले गए हैं। फरवरी में लगभग 1,985 करोड़ रुपए की निकासी की गई थी। छोटी अवधि में पैसों की जरूरत पूरी करने के लिए कॉरपोरेट्स जिन लिक्विड फंड में पैसा रखते हैं, उस पर सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है। मार्च महीने में उन्होंने 1.1 लाख करोड़ रुपये के बजटले हैं, जबकि फरवरी में 43,825 करोड़ रुपये की निकासी की गई थी।





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed