• फ्रैंकलिन टेम्पलटन के डेट फंड की स्कीम्स बंद होने की वजह से क्रेडिट फंड में दिखी निकासी
  • पांच महीने से क्रेडिट रिस्क से निवेश हटाया जा रहा है, लेकिन अप्रैल में भारी निकासी है

दैनिक भास्कर

08 मई, 2020, शाम 06:36 बजे IST

मुंबई। म्यूचुअल फंड के लिए अप्रैल महीने में कुछ ज्यादा ही झटका दिया गया है। इस महीने में क्रेडिट रिस्क फंड से निवेशकों ने 19,239 करोड़ रुपये की राशि निकाली है। इसी तरह से विभिन्न फंडों से भी निवेशकों ने पैसा बॉलेले हैं। हालांकि इसी दौरान लिक्विड फंड में अच्छी खासी राशि आई है।

मार्च में 5,568 करोड़ रुपये की क्रेडिट रिस्क फंड से निकासी हुई थी

म्यूचुअल फंड की संस्था एंफी ने अप्रैल महीने के आंकड़े शुक्रवार को जारी किए। आंकड़ों के मुताबिक निवेशकों ने 19,234 करोड़ रुपये की निकासी अप्रैल में की है। फ्रेंकलिन टेम्पलटन द्वारा अप्रैल के अंतिम सप्ताह में 6 डेट स्कीम्स को बंद किए जाने का इस कटेगरी पर बुरा असर दिखा रहा है जिससे निवेशकों को पैसे उधारले हैं। क्रेडिट रिस्क फंड कटेगरी में देखें तो मार्च में 5,568 करोड़ रुपये की निकासी की गई थी। जबकि फरवरी में 637 करोड़ रुपए की निकासी करने वालों ने की है। जनवरी में 1,215 करोड़ रुपये निकाले गए थे। इस तरह से दिसंबर से अब तक देखें तो पांच स्तन में इस कटेगरी से 27,581 करोड़ रुपये निकल गए हैं।

लिक्विड फंड में 68,848 करोड़ रुपये आए

गोल्ड फंड में लगातार निवेश करने वाले लोग हैं। अप्रैल में 730 करोड़ रुपए आए। एंफी के सीईओ एन.एस. वेंकटेश ने कहा कि फ्रैंकलिन टेम्पलटन की घटना से क्रेडिट फंड कटेगरी को झटका लगा है। फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने हालांकि अच्छी तरह से इसका प्रबंधन किया था। क्रेडिट रिस्क फंड वे फंड होते हैं जो डेट फंड में आते हैं और यह 65 प्रतिशत निवेश एए से कम रेटिंग वाले पेपर में करते हैं। ये कम रेटिंग वाले एम्पर्स में निवेश से ज्यादा ब्याज की उम्मीद रहती है। इसी तरह लिक्विड फंड में 68,848 करोड़ रुपये का निवेश अप्रैल में आया है। मार्च में इस कटेगरी से 110,037 करोड़ रुपये निकाले गए थे। इस कटेगरी में मुख्य रूप से कंपनियां अपने सरप्लस को कुछ दिनों के लिए निवेश करती हैं। इस पर बचत या एफडी खाते से ज्यादा रिटर्न मिल जाता है।

एसआईपी में आई 3 प्रतिशत की गिरावट

एंफी के आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल में एसआईपी के इन्फ्लो में 3 प्रतिशत की गिरावट रही है। यह 8,367.11 करोड़ रुपये है। जबकि मार्च में यह आंकड़ा 8,641.20 करोड़ रहा है। एसआईपी फियो की कुल संख्या मार्जिन 3.13 करोड़ रही जो कि मार्च में 3.12 करोड़ रही है। एसआईपी का कुल एयूएम इस दौरान 2.75 लाख करोड़ रुपये रहा है। जबकि मार्च में यह 2.39 लाख करोड़ रुपए रहा है। एन.एस. वेंकटेश ने बताया कि एसआईपी इन्फ्लो में गिरावट हुई है। लेकिन इससे आने वाले दिनों में हम उबर जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारा मानना ​​है कि मई महीने में यह आंकड़ा फिर से 8,600 करोड़ रुपये से ज्यादा हो जाएगा।

निवेश म्यूचुअल फंड के निवेश में 45 प्रतिशत की गिरावट

निवेश म्यूचुअल फंड में इस दौरान निवेश गिरकर 6,213 करोड़ रुपये रहा है जो मार्च में 11,723 करोड़ रुपये था। लॉर्ज और मल्टीकैप फंड में निवेशकों की पसंद आगे नहीं बढ़ी। मिड कैप और स्माल कैप में 350 से 500 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। अप्रैल में देखें तो बिसाई सेंसेक्स 14.41 प्रतिशत बढ़ा और मिड कैप 13.65 प्रतिशत बढ़ा। स्माल कैप इंडेक्स इसी तरह 15.53 प्रतिशत बढ़ा। अप्रैल महीने में म्यूचुअल फंड उद्योग ने अनिश्चितता से 824 करोड़ रुपये की निकासी की है। जबकि मार्च में इन्‍टोरर्स ने 55,595 करोड़ रुपये का निवेश किया था।

लिक्विड फंड में 68,848 करोड़ रुपये आए

आंकड़े बताते हैं कि म्यूचुअल फंड के लिक्विड फंड में 68,848 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। एन.एस. वेंकटेश ने कहा कि क्रेडिट रिस्क फंड को छोड़ दें तो फंड इंडस्ट्री से रिडेम्पशन बहुत ज्यादा नहीं है। हम अन्य फंड स्कीम्स में आनेवाले महीनों में निवेश देखते हैं। क्योंकि ब्याज बिक्री कम स्तर पर हैं। उन्होंने कहा कि अगर बाजार ऊपर बना रहता है तो मार्च की तरह आने वाले समय में निवेश योग्य फंड में निवेश ऑनलाइन होगा। क्योंकि अभी तक पहली तिमाही की आय पर सबकी नजर थी। म्यूचुअल फंड उद्योग का कुल एयूएम अप्रैल में 23.93 लाख करोड़ रुपये रहा है। मार्च में यह 22.26 लाख करोड़ रुपये रहा है।





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed