न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sun, 07 Jun 2020 06:03 PM IST
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आरोपपत्र चंडीगढ़ के पास पंचकुला में धनशोधन निवारण कानून के तहत गठित एक विशेष अदालत के समक्ष दायर किया गया है और इसमें 13 व्यक्तियों तथा संस्थाओं के नाम हैं। ईडी ने एक बयान में कहा कि एबीडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के अतुल बंसल, कंपनी एबीडब्ल्यू इंफ्रा लिमिटेड (एबीडब्ल्यूआईएल), बंसल की पत्नी सोना बंसल, महामाया एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, शशिकांत चौरसिया, दिलीप ललवानी, वरिंदर उप्पल, विजय उप्पल, विनी उप्पल, रविंदर तनेजा, टीडीआई इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, विजडम रियलटर्स प्राइवेट लिमिटेड और एबी रेफकन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियों और निजी बिल्डरों के नाम लिए गए हैं।
कई किसानों और भूस्वामियों ने आरोप लगाया है कि इस भूमि अधिग्रहण मामले में उनके साथ लगभग 1,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है। इस मामले में कांग्रेस नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी आरोपी हैं। एजेंसी ने हरियाणा पुलिस की प्राथमिकी के आधार पर सितंबर, 2016 में कथित भूमि सौदे घोटाले में धनशोधन निवारण कानून के तहत मामला दर्ज किया था। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) भी मामले की जांच कर रही है।
ईडी ने कहा कि उसकी जांच में पता लगा कि बिल्डरों और निजी कंपनियों ने अधिग्रहण का भय दिखाकर किसानों और भूस्वामियों से काफी कम दर पर उनकी जमीन ले ली। ईडी के अनुसार किसानों और भूस्वामियों ने डर के मारे अपनी जमीन ऐसी निजी कंपनियों को बेच दी और उन कंपनियों ने जमीन विभिन्न बिल्डरों को बेच दी और फर्जी तरीके से खासा लाभ अर्जित किया।
ईडी के अनुसार जांच में यह भी पता लगा कि अधिकांश जमीन एबीडब्ल्यूआईएल समूह द्वारा खरीदी गई थी। कंपनी ने लाइसेंस प्राप्त और बिना लाइसेंस वाली भूमि तथा लाइसेंस निजी डेवलपरों को बेच दिया तथा खासा मुनाफा कमाया।