न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ
Updated Sun, 24 May 2020 05:29 PM IST
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
– फोटो : amar ujala
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उन्होंने कहा कि इसके तहत कामगारों व श्रमिकों की स्किल मैपिंग की जाए और उनका सारा ब्यौरा इकट्ठा किया जाए जिसके बाद उन्हें रोजगार देकर मानदेय दिया जाए। कृषि विभाग और दुग्ध समितियों में ऐसे श्रमिकों व कामगारों को बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध करवाया जा सकता है। मुख्यमंत्री योगी ने ये निर्देश रविवार को अफसरों के साथ हुई समीक्षा बैठक में दिए।
कामगारों व श्रमिकों को राज्य स्तर पर बीमे का लाभ देने की व्यवस्था करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इससे इनका जीवन सुरक्षित हो सकेगा। ऐसी कार्य योजना तैयार की जाए, जिससे कामगारों व श्रमिकों को जॉब सिक्योरिटी मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से अब तक 23 लाख कामगारों व श्रमिकों को प्रदेश वापस लाया जा चुका है। राज्य सरकार इन सभी की सुरक्षित व सम्मानजनक वापसी के लिए प्रतिबद्घ है। उन्होंने कहा कि आने वाले सभी श्रमिकों व कामगारों की स्क्रीनिंग कर उन्हें आवश्यकतानुसार क्वारंटीन सेंटर या होम क्वारंटीन में भेजा जाए। होम क्वारंटीन किए जाने वाले श्रमिकों व कामगारों को खाद्यान्न किट जरूर दी जाए और इनके राशन कार्ड भी बनवाए जाएं। साथ ही, इन्हें होम क्वारंटीन के दौरान 1,000 रुपये का भरण-पोषण भत्ता भी उपलब्ध करवाया जाए।
मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित किए गए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के तहत आवास निर्माण के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाए। उन्होंने इस पैकेज में किराए का मकान देने की योजना को भी शामिल करने के लिए कहा। आवास योजना के तहत किराए पर मकान उपलब्ध कराने की व्यवस्था से जरूरतमंदों को कम किराए पर आवास उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि पीएम आर्थिक पैकेज के तहत उत्तर प्रदेश को पूरा लाभ मिले। इसके लिए योजना बनाई जाए।