- रिपोर्ट के मुताबिक मार्च महीने में चीन की बेरोजगारी दर 5.9 प्रति रही है
- बीजिंग में कॉलेजों और विश्वविद्यालय से वाले होने वाले 87 लाख लोगों के सामने नौकरी का संकट
दैनिक भास्कर
09 मई, 2020, 01:09 अपराह्न IST
बीजिंग। को विभाजित महामारी का असर दुनिया के लगभग सभी देशों में हुआ है। चीन भी इससे बच नहीं पाया। भले ही चीन की अर्थव्यवस्था की गाड़ी दूसरे देशों की तुलना में जल्दी पटरी पर लौट गई हो, लेकिन इस बीच यहां लाखों नहीं बल्कि करोड़ों लोग जॉबलेस हो चुके हैं। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च महीने में चीन की बेरोजगारी दर 5.9 प्रति रही है। इस दर का मतलब है कि पिछले दिनों लगभग 2.70 करोड़ लोगों की संयुक्तब चली गई होगी।
वहीं, एक्सपर्ट के मुताबिक चीन में बेरोजगारी का आंकड़ा 80 मिलियन (करीब 8 करोड़) को पार कर चुका है। ये अभी भी 9 मिलियन (लगभग 90 लाख) और बढ़ सकता है। यानी चीन की कुल आबादी के लगभग 10 प्रति लोगों के पास रोजगार नहीं है। हालाँकि, कितने लोगों की ज़रूरतें हैं, यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है। इसके बारे में कोई पक्का आंकड़ा नहीं है। चीन में आधिकारिक तौर पर बेरोजगारी का आंकड़ा रखने वाली एजेंसी सिर्फ शहरों का आंकड़ा रखती है। पिछले वर्षों में ये 4 प्रतिशत से 5 प्रतिशत हुआ है।
स्टार्टअप बंद, नौकरी भी गई
सीएनएन को नाम ना बताने की शर्त पर कला (बदला हुआ नाम) ने बताया कि कोरोनावायरस की वजह से अब उनके पास जॉब नहीं है। वे नहीं चाहते कि उनकी बेरोजगारी के बारे में उनके परिवार या दोस्तों को पता चले। उन्होंने ये भी बताया कि उनकी तरह कई लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। वहीं, कुछ लोगों के मन में नौकरी जाने का डर बना हुआ है।
दूसरी ओर, एक 26 वर्षीय टेक वर्कर ने पिछले साल अपना स्टार्टअप शुरू किया था, क्योंकि वे नौकरी को लेकर चिंतित थे। हालाँकि, इसी वर्ष बीजिंग के एक इंटरनेट कंपनी ने उन्हें फिर से नौकरी पर रखा था, तब उन्हें इस बात की उम्मीद नहीं थी कि आने वाले दिनों में इतनी मुश्किल हो जाएगी।
चीन में 29 करोड़ प्रवासी श्रमिक
चीन एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज के एक अर्थशास्त्री झैंग बिन द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक चीन में लगभग 29 करोड़ डॉलर के मजदूर हैं। ये कंस्ट्रक्शन, मैन्युफैक्चरिंग और दूसरे तरह के प्रोडक्शन वर्कों से जुड़े हैं। कहने को ये लो इनकम ग्रुप वाले लोग हैं, लेकिन चीन की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में इनका बड़ा रोल होता है। रिपोर्ट के मुताबिक इन सभी को मिलाकर चीन में मार्च के अंत तक लगभग 8 करोड़ लोगों की नौकरी जा चुकी है।
यूआई होने वाल युवाओं के सामने भी समस्या
कोविड महामारी ने चीन में 1976 के जैसे हालात बना दिए हैं। उस वक्त चीन की अर्थव्यवस्था डगमगा गई थी। चीन के युवाओं के सामने भी बेरोजगारी संकट पैदा हो सकता है। दरअसल, आने वाले हफ्तों में बीजिंग से करीब 87 लाख लोग कई कॉलेजों और यूनिवर्सिटी से रुई तक निकल जाएंगे। ऐसी स्थिति में उनके सामने जॉब का संकट खड़ा हो सकता है।
कोरोनावायरस से चीन में मौत
चीन में कोरोना शक्तियोंओं की संख्या 82,887 हो गई है। ये 78,046 किस्म के ठीक हो गए हैं। वहीं, कोरोना से मरने वालों की संख्या 4,633 है। ये आंकड़े covid19world.org के अनुसार हैं। लिस्ट में चीन 11 वें स्थान पर है। हालांकि, अब यहां पर कोरोना मरीजों की संख्या में वृद्धि नहीं हो रही है।