• भारत में लड़कियों के लिए शिक्षा के अवसर पर अनुसंधान करने के लिए दो महीने बिताए थे
  • अल्वा अक्टूबर 2019 में पेरू की वित्त मंत्री बनीं थी, सात महीने में बेहतर काम से मिली शोहरत

दैनिक भास्कर

06 मई, 2020, शाम 04:17 बजे IST

लीमा। दक्षिणी अमेरिका में स्थित देश पेरू की वित्त मंत्री मारिया एंटोनिएटा अल्वा अचानक से स्टार बन गए हैं। कोरोना महामारी के दौर में जनता से अच्छे तालमेल, छोटे व्यवसायों और कमजोर परिवारों की मदद के लिए एक बेहतरीन रिकवरी पैकेज तैयार करने पर उनकी प्रशंसा मिल रही है।
अपनी कोशिशों से 35 साल की अल्वा घर-घर में मशहूर हो गई हैं। लोग उन्हें टोनी के नाम से बुलाते हैं। उनसे लेकर सेल्फी खिंचाने के लिए लोगों की लाइन लगी रहती है। कलाकारवादी उनका स्केच बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं और मीडिया में उनका इंटरव्यू लेने की होड़ मची है।

अक्टूबर 2019 में वित्त मंत्री बने रहे
पिछले साथ अक्टूबर में अल्वा को वित्त मंत्री का पद मिला था। बहुत कम समय में ही वे राष्ट्रपति मार्टिन विजारा केडिया की सबसे खास बन गए। वे नए लोगों की पीढ़ी का हिस्सा हैं और वह सरकार की नीतियों को जनता को समझाने में बहुत समय बिताती हैं। कोरोना महामारी शुरू होने के दौरान कुछ अर्थशास्त्रियों ने अनुमान लगाया था कि इस साल पेरू की जीडीपी में 10 प्रतिशत तक की कमी आई है। बेतहाशा बेरोजगारी बढ़ेगी और यह स्थिति दशकों में सबसे खराब होगी। पेरू की जीडीपी में वर्ष 2019 में दशक की सबसे कम 2.2 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई थी।

बड़े क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा दिया गया
अल्वा सबसे पहले सरकारी निर्माण कार्यों में आई मंदी को कम करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने क्षेत्रीय और स्थानीय अथॉरिटी की ओर से खर्च बढ़ाने के लिए मदद की, जिसके कारण सार्वजनिक इंवेस्टमेंट में रिकॉर्ड वृद्धि हुई। इसके साथ ही उन्होंने प्रशिक्षकों का विश्वास भी जीता। पेरू और बुकिंग के विज्ञानियों से विचार करने के बाद उन्होंने काउंटर के अपने सहयोगियों के साथ बातचीत की। उन्होंने आम सहमति से गरीब तबकों को सीधे एसिड देने, पे-रोलिडी और सरकार की ओर से बिजनेस लोन देने जैसे कई निर्णय लिए। इसमें से कोई भी निर्णय पेरू में पहले कभी नहीं लिया गया था।
दो हफ्ते पहले पेरू ने तीन अरब डॉलर के मीटर इंटरनेशनल मार्केट में बेचे। पूर्व वित्त मंत्री कार्लोस ओलवा कहते हैं, यम यम वह संवाद कायम करने में बहुत बेहतर हैं और वर्तमान परिस्थितियों में यह सबसे जरूरी है। ’’ ’

भारत में भी बिताए दो महीने हैं
अल्वा ने 2014 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पब्लिकिबा में मास्टर डिग्री हासिल की थी। पढ़ाई करने के बाद अल्वा ने भारत में लड़कियों के लिए शिक्षा के मौके पर अध्ययन किया था। इस दौरान उन्होंने दो महीने भारत में ही बिताए। इसके बाद वे पेरू में शिक्षा विभाग में काम करने गए थे। कुछ ही दिनों में वे प्लांनिंग कमीशन की हेड बन गए।

बचपन में गरीबी को देखा
अल्वा के पिता जॉर्ज सिविल इंजीनियर थे। अल्वा ने कई बार बताया कि वह अपने पिता के साथ जब बचपन में दौरे पर जाती थी तो उन्होंने बहुत गरीबी देखी। तभी से उन्होंने यह तय कर लिया कि वे इसे दूर करेंगे। अल्वा को जब मंत्री बनाया गया था तो कई तरह के सवाल उठे थे। कुछ ने कहा था कि वह किसी की मेहरबानी से इस पद तक पहुंची। उन्हें इस क्षेत्र का कोई अनुभव नहीं हैं। इस पर अल्वा ने कहा था कि यह सवाल इसलिए उठे, क्योंकि वह महिला हैं। अगर वह पुरुष होता है तो कोई कुछ नहीं कहता है।
लैटिन अमेरिका में जितने देश हैं, वहाँ अल्वा ही महिला वित्त मंत्री हैं। अर्जेंटीना के वित्त मंत्री मार्टिन गजमैन (37), डोमिनिकल रिपब्लिक में जुआन एरियल जिमेंज (35) और इक्वाडोर में रिचर्ड मार्टिनेज (39) हैं।





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