न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
अपडेटेड सत, 09 मई 2020 12:16 PM IST

लोगों की जांच करते स्वास्थ्यकर्मी (फाइल फोटो)
– फोटो: पीटीआई

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कोरोनावायरस के संक्रमण से उबरने के बाद अब अस्पताल से छुट्टी मिलने की नीति में बदलाव हुआ है। शनिवार सुबह केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इसे लेकर नई नीति जारी की। नए बदलावों के अनुसार अब हल्के मामलों में डिस्चार्ज से पहले परीक्षण की जरूरत को खत्म कर दिया गया है।
यदि रोगी में किसी तरह के लक्षण दिखाई देते हैं और हालात समान्य लगते हैं तो उसे सेलतला से 10 दिन में भी छुट्टी दी जा सकती है। छुट्टी मिलने के बाद अब उसे 14 दिन की बजाए सात दिन होम आइसोलेशन में रहना होगा। टेली-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 14 वें दिन रोगी का फूट-अप लिया जाएगा।

स्पर्शोन्मुख मामलों में यह व्यवस्था है
ऐसे रोगी जिनमें कोरोनावायरस के कोई लक्षण या बहुत कम लक्षण दिखाई देते हैं, तो उन्हें कोविड कैर फैसिलिटी में रखा जाएगा। यहां लगातार उन्हें तापमान और पल्स ऑक्सिमेट्री एक्सपेरिंग से गुजरना होगा। यदि उन्हें तीन दिन तक बुखार नहीं आता है तो मरीज को 10 दिन में अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है।

इससे पहले परीक्षण की जरूरत नहीं होगी। अस्पताल से छुट्टी देते समय ऐसे रोगी को सात दिन होम आइसोलेशन में रहने के लिए कहा जाएगा। छुट्टी से पहले यदि रोगी का ऑक्सीजन सैचुरेशन 95 प्रतिशत से नीचे जाता है तो उसे डेडिकेटेड को विभाजित स्वास्थ्य केंद्र लाया जाएगा।

ऑक्सीजन बेड पर भर्ती सेनेट केस होगी
गंभीर लक्षण वाले रोगियों को डेडिकेटेड को विभाजित स्वास्थ्य केंद्र में ऑक्सीजन बिस्तर पर रखा जाएगा। उन्हें तापमान और ऑक्सीजन सैचुरेशन चेक्स प्रक्रिया से गुजरना होगा। यदि तीन दिन में रोगी का बुखार उतर जाता है तो अगले चार दिनों तक उसका सैचुरेशन लेवल देखा जाएगा। इसके 95 प्रतिशत से ज्यादा रहने पर उसे 10 दिन बाद छुट्टी दी जा सकती है। हालांकि उसे पीएच, सांस लेने में तकलीफ और ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए। ऐसे मरीजों का छुट्टी से पहले परीक्षण नहीं किया जाएगा।

कोरोनावायरस के संक्रमण से उबरने के बाद अब अस्पताल से छुट्टी मिलने की नीति में बदलाव हुआ है। शनिवार सुबह केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इसे लेकर नई नीति जारी की। नए बदलावों के अनुसार अब हल्के मामलों में डिस्चार्ज से पहले परीक्षण की जरूरत को खत्म कर दिया गया है।

यदि रोगी में किसी तरह के लक्षण दिखाई देते हैं और हालात समान्य लगते हैं तो उसे सेलतला से 10 दिन में भी छुट्टी दी जा सकती है। छुट्टी मिलने के बाद अब उसे 14 दिन की बजाए सात दिन होम आइसोलेशन में रहना होगा। टेली-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 14 वें दिन रोगी का फूट-अप लिया जाएगा।

स्पर्शोन्मुख मामलों में यह व्यवस्था है

ऐसे रोगी जिनमें कोरोनावायरस के कोई लक्षण या बहुत कम लक्षण दिखाई देते हैं, तो उन्हें कोविड कैर फैसिलिटी में रखा जाएगा। यहां लगातार उन्हें तापमान और पल्स ऑक्सिमेट्री एक्सपेरिंग से गुजरना होगा। यदि उन्हें तीन दिन तक बुखार नहीं आता है तो मरीज को 10 दिन में अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है।

इससे पहले परीक्षण की जरूरत नहीं होगी। अस्पताल से छुट्टी देते समय ऐसे रोगी को सात दिन होम आइसोलेशन में रहने के लिए कहा जाएगा। छुट्टी से पहले यदि रोगी का ऑक्सीजन सैचुरेशन 95 प्रतिशत से नीचे जाता है तो उसे डेडिकेटेड को विभाजित स्वास्थ्य केंद्र लाया जाएगा।

ऑक्सीजन बेड पर भर्ती सेनेट केस होगी
गंभीर लक्षण वाले रोगियों को डेडिकेटेड को विभाजित स्वास्थ्य केंद्र में ऑक्सीजन बिस्तर पर रखा जाएगा। उन्हें तापमान और ऑक्सीजन सैचुरेशन चेक्स प्रक्रिया से गुजरना होगा। यदि तीन दिन में रोगी का बुखार उतर जाता है तो अगले चार दिनों तक उसका सैचुरेशन लेवल देखा जाएगा। इसके 95 प्रतिशत से ज्यादा रहने पर उसे 10 दिन बाद छुट्टी दी जा सकती है। हालांकि उसे पीएच, सांस लेने में तकलीफ और ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए। ऐसे मरीजों का छुट्टी से पहले परीक्षण नहीं किया जाएगा।





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