अमर उजाला नेटवर्क, नोएडा
अपडेटेड शुक्र, 08 मई 2020 12:59 AM IST
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उन्होंने स्पष्ट किया कि स्कूल प्रबंधन को अध्यापकों को वेतन देना होगा। परिवहन शुल्क के बारे में भी उन्होंने स्पष्ट किया कि लॉकडाउन अवधि के दौरान इसकी वसूली नहीं की जा सकती है। इस बारे में उन्होंने शासनादेश का जिक्र किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी स्कूल लॉकडाउन अवधि में बीमा या त्रैमासिक जमा करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता।
उन्होंने साफ कहा कि कोई भी स्कूल लॉकडाउन के दौरान किसी भी छात्र-छात्रा का नाम नहीं काट सकता है। साथ ही, इस दौरान अनलाइन क्लास से भी किसी को रोका नहीं जा सकता है।
उल्लंघन पर शिकायत करें
यदि इन दिशा-निर्देशों की कोई स्कूल अवहेलना करता है तो [email protected] । शिकायत मेल कर सकती है। शिकायत पर उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम -2018 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
निर्देश न मानने पर स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाएगी
शासनादेश का उल्लंघन करने पर फीस वापस करने के साथ-साथ 1 लाख तक का कैंची स्कूल पर लगाया जा सकता है। दूसरी बार अगर उल्लंघन किया जाता है तो 5 लाख तक का दर्द, तीसरे बार में मान्यता तक वापस ली जा सकती है।