- सिंगापुर और कतर दोनों ही देशों में डेथ रेट यानी मतु दर 0.1 प्रति से बहुत कम है
- इन दोनों देशों में टेस्टिंग और हेल्थ कैर सिस्टम काफी बेहतर है
दैनिक भास्कर
06 मई, 2020, 05:10 बजे IST
वॉशिंगटन। दुनिया में कोरोनावायरस से दम तोड़ने वालों की संख्या ढाई लाख से ज्यादा हो चुकी है। अमेरिका और यूरोप के कई देशों में मामले और मौतें बढ़ती जा रही हैं। लेकिन, कतर और सिंगापुर दो ऐसे देश हैं, जहां संक्रमण और मौतों की संख्या कम है। ये दोनों ही देशों में प्रवासी कर्मचारी या कहें मजदूरों की बड़ी तादाद है। जितने मामले सामने आए उनमें ज्यादातर प्रवासी हैं।
0.1 से कम डेथ रेट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिंगापुर और कतर दोनों ही देशों में डेथ रेट यानी मतु दर 0.1 फीसदी से भी कम है। संक्रमण के पत्रों के दौर में सिंगापुर में संक्रमण तेजी से बढ़ा था। डोरमेट्रीज में रहने वाले प्रवासी मजदूर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। लेकिन, इसी सिंगापुर में 102 साल की महिला स्वस्थ होकर घर लौट रही है।
हेल्थ कैर सिस्टम बेहतर
स्वास्थ्य एक्सपर्ट्स मानते हैं कि मरीज की मेडिकल हिस्टरी और हेल्थ कैर सिस्टम दो महत्वपूर्ण बातें हैं जिनकी मदद से महामारी के दौरान सरवाइवल रेट तय होता है। वियतनाम जैसे देश भी हैं, जहां संक्रमण से एक भी मौत नहीं हुई है। जिन देशों में 10 हजार से ज्यादा मामले हैं, वहां का हेल्थ कैर सिस्टम दबाव में आ गया है।
कतर में डेथ रेट सबसे कम
कतर में अब तक 16 हजार मामले सामने आए। 12 इंफोन्स की मौत हुई। यहां डेथ रेट महज 0.07% है। ये दुनिया में सबसे कम है। वहीं, सिंगापुर में मृत्यु दर 0.09% है। यहां 19 हजार केस हैं। दोनों देशों में 10 हजार की आबादी के अनुपात से डेथ रेट कुल सहित 0.5 प्रति से कम है।
कुछ अन्य देशों में भी बेहतर स्थिति है
कतर और सिंगापुर दोनों ही देश हैं। उनके पास अच्छे अस्पताल और टेस्ट हैट्स हैं। इसी क्रम में बेलारूस, सऊदी अरब और यूएई को भी गिना जा सकता है। हालांकि, बेलारूस द्वारा जारी आंकड़े शक्ति के घेरे में हैं। न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी में ग्लोबल बायोसिक्योरिटी डिपार्टमेंट की प्रोफेसर रायना मैक्लेनटायर के मुताबिक, डेथ रेट्रो का संबंध तीन चीजों में है। टेस्टिंग, लोगों की उम्र और आईसीयू की क्षमता।
ज्यादा टेस्ट जरूरी
रायना के मुताबिक, जिन देशों में टेस्ट ज्यादा हुआ और जिन्होंने गंभीर मामलों को भी सही तरीके से हैंडल किया, वहां डेथ रेट कम रहा। ऐसे भी देश हैं, जहां उम्र के लोग ज्यादा हैं, आईसीयू और वेंटीलेटर कैपेसिटी भी इन देशों ने बढ़ाई है लेकिन फिर भी डेथ रेट ज्यादा रही।
सिंगापुर और अवतार
सिंगापुर में उम्र बढ़ने और अधूरे आबादी कतर की तुलना में ज्यादा है। यहां दूसरे देशों से आने वाले मजदूरों को बहुत नुकसान हुआ। इन लोगों का देश में आने से पहले मेडिकल चेकअप किया जाता है। इसी तरह, खाड़ी देशों में भी युवा प्रवासियों में ही संक्रमण ज्यादा देखने को मिला। इनको भी इन देशों में आने से पहले मेडिकल चेकअप करना होता है।