वाशिंगटन: कोरोनावायरस की वजह से शुरू हुए हालात के बीच अमेरिका (यूएसए) आई भारत के लिए बड़ी खबर आई है। अमेरिकी सांसदों ने देश में स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए हजारों विदेशी नर्सों और डॉक्टरों को ग्रीन कार्ड देने या स्थानीय कानूनी निवास का दर्जा देने वाला एक विधेयक कांग्रेस में पेश किया है।

‘द हेल्थकेयर वर्कफोर्स रेसिलिएन्स एक्ट’ से उन ग्रीन कार्ड को जारी किया जा सकता है, जिन्हें पिछले वर्षों में कांग्रेस ने मंजूरी दी थी, लेकिन उन्हें किसी को नहीं दिया गया था। इस विधेयक से हजारों अतिरिक्त चिकित्सा पेशेवर अमेरिका में स्थायी रूप से काम कर रहे हैं।

एक राष्ट्रपति रिहाई के अनुसार इस विधेयक से COVID-19 वैश्विक महामारी के दौरान 25,000 नर्सों और 15,000 डॉक्टरों को ग्रीन कार्ड जारी किए जाएंगे और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि चिकित्सा पेशेवरों की कमी न हो।

इस कदम से बड़ी संख्या में उन भारतीय नर्सों और डॉक्टरों को फायदा होने की संभावना है, जिनके पास या तो एच -1 बी या जे 2 वीजा हैं।

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प्रतिनिधि सभा में इस विधेयक को सांसद एबी फोनेकेर प्राधिकरण, ब्रैंडस्केनीर, टॉम कोल और डॉन बैकन ने पेश किया था। सीनेट में डेविड परड्यू, डिक डर्बिन, टॉड यंग और क्रिस कून्स ने इस बिल को पेश किया।

कांग्रेस सदस्य फोनेकेनॉर ने कहा, कि हम जानते हैं कि यह विषाणु जादुई ढंग से गायब नहीं होंगे और डॉ। एंथनी फॉसी जैसे विशेषज्ञ संक्रमण के दूसरे दौर की चेतावनी दे रहे हैं। खासतौर से ग्रामीण इलाकों में हालात नाजुक हैं और पहले से ही चिकित्सा पेशेवरों की कमी है। ‘

(इनपुट- भाषा)

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