न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
अपडेटेड शुक्र, 08 मई 2020 02:26 अपराह्न IST
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
– फोटो: सोशल मीडिया
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याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अशोक भूषण की शीर्ष वाली पीठ ने कहा, कोई हम ऐसा कोई आदेश पारित नहीं करेंगे, लेकिन राज्यों को सामाजिक दूरियों के नियमों और मानकों को बनाए रखने के लिए शराब की अप्रत्यक्ष बिक्री / गृह निर्माण पर विचार करना चाहिए। ‘
न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने कहा, “हम कोई आदेश पारित नहीं करेंगे, लेकिन राज्यों को शराब की होम डिलेवरी / सामाजिक वितरण मानदंड और मानकों को बनाए रखने पर विचार करना चाहिए।” https://t.co/qCb6B9NMx0
– एएनआई (@ANI) 8 मई, 2020
बता दें कि सरकार ने लॉकडाउन के तीसरे चरण में राज्य सरकारों को चार मई से शराब की दुकानों को खोलने की इजाजत दे दी थी। हालांकि सरकार ने साफ कहा था कि शराब की दुकानों के बाहर सामाजिक दूरी का उचित पालन किया जाना चाहिए। इसके बाद कई जगह लंबी-लंबी कतारें देखी गईं।
देश की राजधानी दिल्ली में शराब की दुकानों खुलने के पहले दिन सामाजिक दूरी की काफी धज्जियां उड़ाने की वजह से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शराब के मूल्य (एमआरपी) पर विशेष कोरोना फीस लगाने का एलान किया था। जिससे शराब की कीमत 70 प्रतिशत बढ़ गई। कई और राज्यों ने भी शराब पर सेस लगाने का फैसला लिया है।
पंजाब, छत्तीसगढ़ में शराब की होम नोटिफिकेशन
शराब की दुकानों पर लगने वाली कतारों को देखते हुए पंजाब, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों ने शराब की होम उपलब्धता का विकल्प दिया है। सात अप्रैल से पंजाब में शराब की होम नोट शुरू हो गई है। वहीं छत्तीसगढ़ में ग्रीन और ऑरेंज जोन में रहने वाले लोग तकरीबन 120 रुपए ज्यादा देकर शराब की होम नोटिफिकेशन ले सकते हैं।