रवि शास्त्री ने कहा- 1985 की भारतीय टीम बेहद मजबूत थी
टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री (रवि शास्त्री) ने कहा कि वर्ष 1985 की भारतीय टीम बेहद मजबूत थी, जो कि आज की टीम इंडिया को भी टक्कर दे सकती है
शास्त्री (रवि शास्त्री) 1985 की उस टीम का अहम हिस्सा थे जिन्होंने सुनील गावस्कर की अगुवाई में क्रिकेट विश्व चैंपियनशिप जीती थी। वह ऑस्ट्रेलिया में खेली गयी इस चैंपियनशिप में भारतीय जीत के नायक थे और उन्हें टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना जा रहा था, तब प्रसिद्ध मिली ऑडी ‘कार मिली थी। वह अब भी भारतीय क्रिकेट में मुख्य कोच के महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत हैं और उन्होंने विश्व क्रिकेट में टीम के तीनों प्रारूपों में अच्छे प्रदर्शन में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।
35 साल की भारतीय टीम मजबूत क्यों थी?
शास्त्री (रवि शास्त्री) ने ‘सोनी टेन बीस्टस्टॉप’ के कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं है। वह (1985 की टीम) सीमित ओवरों की किसी भी भारतीय टीम को कड़ी चुनौती पेश करेगी। वह 1985 की टीम वर्तमान टीम को भी परेशानी में डाल देगा। ‘शास्त्री का इसके साथ ही मानना है कि 1985 की टीम 1983 में विश्व कप जीतने वाली टीम से बेहतर थी क्योंकि इसमें युवा और अनुभव का अच्छा मिश्रण था। उन्होंने कहा, ‘मैं तो यहां तक मानता हूं कि 1983 की तुलना में 1985 की टीम अधिक मजबूत थी। ‘शास्त्री (रवि शास्त्री) ने कहा,’ आप जानते हैं कि मैं दोनों टीमों का हिस्सा था। मैं 1983 विश्व कप में खेला गया था और 1985 में अगर आप प्रत्येक खिलाड़ी पर गौर करते हैं तो 1983 के 80 प्रतिशत खिलाड़ी इसमें शामिल थे। लेकिन इस बीच टीम में शिवरामकृष्णन, सदानंद विश्वनाथ, अजारूद्दीन जैसे युवा खिलाड़ी आ गए थे। हमारे पास पहले से अनुभवी खिलाड़ी थे और उनके जुड़ने से टीम शानदार बन गयी। ‘शास्त्री ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में 2018-19 में 71 वर्षों में पहली बार टेस्ट श्रृंखला जीतना विशेष रही लेकिन जब सीमित ओवरों की क्रिकेट की बात आती है तो 1985 का कोई जवाब नहीं। उन्होंने कहा, ‘इन दोनों टीमों का हिस्सा होना शानदार है।’ ऑस्ट्रेलिया को उसकी सरजमीं पर हराना बहुत मुश्किल था क्योंकि कोई भी एशियाई टीम 71 साल से ऐसा नहीं कर पाई थी। ‘
शास्त्री (रवि शास्त्री) ने 1985 में पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले फाइनल से पहले की टीम बैठक का किस्सा भी साझा किया। उन्होंने कहा, ‘कपिल ने कहा कि अगर मैं कार जीतता हूं तो मैं 25 प्रतिशत (कार बेचने के बाद मिलने वाली राशि का) रखूंगा और बाकी साझा करना होगा। इसके बाद जिम्मी (मोहिंदर अमरनाथ) ने कहा, ‘यार वहीको मिला, मिला’। जब मेरी बारी आयी तो मैंने कहा, अगर मैं जीता तो मैं अपने पास रखूँगा। मैं केवल स्टेपनी ही साझा कर सकता हूं। ‘
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प्रथम प्रकाशित: 5 मई, 2020, 9:39 PM IST
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