मोदी सरकार बेच रही बाजार भाव से सस्ता सोना
देश में जारी लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार (भारत सरकार) सस्ता सोना (सस्ती कीमत पर सोना खरीदें) की नई स्कीम लाई है। 11 मई से इसकी शुरुआत होगी।
सोना कैसे खरीद सकते हैं- सॉवरन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के निवेश करने वाला व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 500 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है। न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना आवश्यक है। इस स्कीम में निवेश करने पर आप टैक्स बचा सकते हैं। स्कीम के तहत निवेश पर 2.5 प्रतिशत का सालाना ब्याज मिलेगा।
आरबीआई ने अपने इस बयान में कहा है कि गोल्ड बॉन्ड की इश्यू क्वालिटी 90 4,590 प्रति ग्राम तय किया गया है, लेकिन गोल्ड बॉन्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन और पेमेंट करने वालों को प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट मिलेगी।नगर में डिजिटल मोड में पेर्ड डू हैं। तो 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट मिलेगी। छूट के साथ बॉन्ड का इश्यू क्वालिटी 4,540 रुपये प्रति ग्राम होगा। इस स्कीम के तहत सबसे छोटे बॉन्ड 1 ग्राम के सोने के बराबर होगा।
कोई भी व्यक्ति या एचयूएफ एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 4 किलो ग्राम सोने का बाडंड खरीद सकता है। कुल मिलाकर व्यक्तिगत तौर पर बॉन्ड खरीदने की सीमा 4 किलो है, इसमें ट्रस्ट या संगठन के लिए 20 किलोग्राम तय की गई है। योजना की परिपक्वता अवधि 8 साल है। लेकिन अगर फिर भी बॉन्ड बेचना चाहते हैं तो कम से कम 5 साल का इंतजार करना होगा। इसी अवधि के बाद सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को बाजार की कीमतों पर भुनाया जा सकता है। इस बॉन्ड को सिर्फ कोई व्यक्ति या एचयूएफ, ट्रस्ट, यूनिवर्सिज और कलर्सफुल संस्थाएं ही खरीद सकती हैं।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम क्या है? – इस योजना की शुरुआत नवंबर 2015 में हुई थी। इसका मकसद फिजिकल गोल्ड की मांग में कमी लाना और सोने की खरीद में उपयोग होने वाली घरेलू बचत का इस्तेमाल वित्तीय बचत में करना है। घर में सोने की खरीद कर रखने की बजाय अगर आप सॉवरेन गोल्ड बॉनीड में निवेश करते हैं, तो आप टैक्स भी बचा सकते हैं।
यहाँ से सोना सस्ता होना चाहिए- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की बिक्री बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कोर्प ऑफ इंडिया लिमिटेड, चुने गए पोस्ट ऑफिस और एनएसई और बीएसई के माध्यम से होती है। आप इन सभी में से किसी भी एक स्थान पर बॉन्ड स्कीम में शामिल हो सकते हैं। आपको बता दें कि भारत बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड की ओर से पिछले 3 दिन 999 प्योरिटी वाले सोने की दी गई कीमतों के आधार पर इस टेबल की कीमत रुपये में तय होती है।
कैपिटल गेन टैक्स की बचत होगी- बॉन्ड की मशीनों सोने की कीमतों में अस्थिरता पर निर्भर करती है। सोने की कीमतों में गिरावट गोल्ड बॉन्ड पर नकारात्मक बढ़त देती है। इस अस्थिरता को कम करने के लिए सरकार लंबी अवधि वाले गोल्ड बॉन्ड जारी कर रही है। इसमें निवेश की अवधि 8 साल होती है, लेकिन आप 5 साल के बाद भी अपने पैसे निकाल सकते हैं। पांच साल के बाद पैसे निकालने पर कैपिटल गेन टैक्स भी नहीं लगाया जाता है।
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प्रथम प्रकाशित: 9 मई, 2020, 10:30 पूर्वाह्न IST
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