पश्तून के नेता आरिफ वजीर और पत्रकार साजिद हुसैन
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यूरोपीय संघ के अध्यक्ष उलसूला वोन गीत लेयन को लिखी चिट्ठी में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को आरोपी बताया गया।) यूरोपीय संसद के चार सदस्य हेलमट गुईकिंग, पत्नी लंग्रेन, रीजार्ड और बोगडान ने मानवाधिकार के समर्थक और पत्रकार के मारे जाने पर ISI की चुप्पी्पी पर सवाल खड़े किए हैं।
एक मई को पश्तून तहाफुज आंदोलन का नेता आरिफ वजीर को उनके घर के बाहर कुछ अज्ञात आक्रामणकारियों ने हमला किया था। साजिद हुसैन जिन्हें पाकिस्तान से हटा दिया गया था, स्वीडन रहने लगे थे। हुसैन कुछ हफ्तों से लापता थे और स्टाखल्म की एक नदी में उनका शव बरामद किया गया था।
चिट्ठी में सदस्यों ने लिखा है कि यूरोपीय संसद के सदस्य होने के नाते यूरोपीय संघ से हमारी मांग है कि पाकिस्तान के खिलाफ दो मानवाधिकार के समर्थकों की हत्या करने के जुर्म में सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। सदस्यों ने बताया कि यह दोनों हत्याएं पाकिस्तानी इंटेलीजेंस ने की हैं।
इसके अलावा यूरोपीय संघ के सांसदों ने अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार के वकीलों का समर्थन लेने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच बैठाई जाए और यह भी पता किया जाए कि बलूच के सक्रियतावादी लोगों पर हमले क्यों हो रहे हैं।
चिट्ठी में लिखा गया है कि ये कोई संयोग नहीं है कि इस तरह की हत्याएं उस समय हो रही हैं जब पूरी दुनिया कोरोनावायरस महामारी से जूझ रही है और उससे बसारे के लिए जरूरी कदम उठाना है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI हमेशा मानवाधिकार के समर्थकों और पत्रकारों के खिलाफ होने वाले अत्याचारों पर चुप रहती है।
पत्र में यह भी लिखा था कि कोरोना काल में पाकिस्तान का भेदभाव वाला रवैया देखा गया है कि कैसे बलूच के लोगों की कोरोना टेस्टिंग नहीं कराई गई और मेडिकल सप्लाई देने में भी भेदभाव किया गया।