इरफान पठान ने 2012 में आखिरी वनडे मैच खेला था (फाइल फोटो)
इरफान पठान (इरफान पठान) ने कहा कि 2012 में श्रीलंका के खिलाफ शानदार प्रदर्शन के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया
इस बीच रैना ने कहा कि बीसीसीआई (बीसीसीआई) को आईसीसी या विदेशी लीग की फ्रेंचाइजी से बात करके हमें अलग अलग विदेशी लीगों में खेलने की अनुमति देनी चाहिए। कम से कम हमें दो विदेशी लीग में खेलने की अनुमति होनी चाहिए। इससे अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो राष्ट्रीय टीम में सुधार कर सकते हैं।
इरफान पठान का दर्द सामने आ गया
इरफान पठान ने कहा कि हमारा देश और ऑस्ट्रेलिया, इंगलैंड की सोच में मायने रखता है। माइकल हसी ने 29- 30 की उम्र में डेब्यू किया था और जब वो रिटायर हुए, तब वह महान क्रिकेटर्स की सूची में शुमार थे। लेकिन भारत में 30 की उम्र में कोई डेब्यू करने के बारे में सोच ही नहीं सकता। यहाँ बुढ़ा देने लगते हैं। इरफान ने कहा कि वे 30 साल की उम्र में बूढ़ा बना चुके हैं। एक बार बीसीसीआई के किसी शख्स ने वडोदरा के किसी क्रिकेटर को उनके लिए कहा कि वो तो उनकी धुरी पर ही नहीं हैं। इरफान ने कहा कि इसी तरह 30 की उम्र में बूढ़ा नहीं मानना चाहिए, लेकिन फिर भी ऐसी सोच है तो जितने भी 30 के आस पास वाले खिलाड़ी हैं, जो बोर्ड या एसोसिएशन के कट्टरपंथी नहीं हैं, उन पर बाहर की लीग का खेल खेलने का मौका है। देना चाहिए।आपसी बातचीत होनी चाहिए
इरफान पठान ने कहा कि आपसी बातचीत भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई बात नहीं, रैना या फिर हरभजन सिंह जैसे खिलाड़ियों से बातचीत करते हैं तो बहुत कुछ हो सकता है। लेकिन मुद्दा ये है कि आपसी बातचीत कौन करेगा।
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प्रथम प्रकाशित: 10 मई, 2020, 10:55 AM IST
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