लॉकडाउन में साइकिल से दरभंगा पहुंचीं ज्योति
– फोटो : social media
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इवांका ने ट्वीट कर लिखा, ’15 साल की ज्योति कुमारी, अपने घायल पिता को अपनी साइकिल के पीछे बैठाकर 7 दिनों में 1,200 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करके अपने गांव ले गई। धीरज और प्रेम के इस खूबसूरत अहसास ने भारतीय लोगों और साइकिल फेडरेशन की कल्पना को दर्शाया है!
15 yr old Jyoti Kumari, carried her wounded father to their home village on the back of her bicycle covering +1,200 km over 7 days.
This beautiful feat of endurance & love has captured the imagination of the Indian people and the cycling federation!🇮🇳 https://t.co/uOgXkHzBPz
— Ivanka Trump (@IvankaTrump) May 22, 2020
दरअसल, कोरोना संकट और लॉकडाउन के इस वक्त में देशभर में प्रवासी मजदूर अपने गांवों की तरफ लौटने को बेबस हैं, जैसे-तैसे हर कोई अपने गांव पहुंचना चाह रहा है। ऐसे में ज्योति ने भी एक ऐसा साहसी कदम उठाया जिसे देख-सुनकर हर कोई हतप्रभ है। ज्योति के पिता मोहन पासवान कुछ महीने पहले एक हादसे में जख्मी हो गए थे, इसलिए वो अपने दम पर घर पहुंचने में असमर्थ थे।
लॉकडाउन में पिता के फंसे होने से बेटी ज्योति परेशान हो गई और एक दिन खुद ही साइकिल उठाकर पिता को पीछे बिठाकर हजारों किलोमीटर के एक कठिन सफर पर निकल पड़ी। ज्योति ने बताया कि उसने पापा को साइकिल पर बिठाकर 10 मई को गुरुग्राम से चलना शुरू किया और 16 मई की शाम घर दरभंगा पहुंच गई। रास्ते में उसे बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा, हालांकि कुछ लोगों ने उनकी मदद भी की।
ज्योति ने सात दिनों में ही पिता को साइकिल के पीछे बिठाकर 1200 किलोमीटर का रास्ता नाप दिया। पिता के लिए ज्योति के इस समर्पण और प्रेम ने सभी को अभिभूत किया और हर किसी ने उनकी अपने-अपने तरीके से तारीफ और हौसलाफजाई की।