न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
अपडेटेड शुक्र, 08 मई 2020 04:31 PM IST

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लॉकडाउन के दौरान गरीब तबके के बच्चों को ऑफलाइन क्लास के लिए मुफ्त लैपटॉप, टैबलेट या मोबाइल फोन उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है। शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र और आम आदमी पार्टी की सरकार को इस याचिका का जवाब देने के लिए कहा है। ताकि गरीब बच्चों को ऑफ़लाइन अध्ययन के लिए मुफ्त लैपटॉप, एमबी या मोबाइल फोन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए जा सकें।

एक एनजीओ द्वारा दायर की गई इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मनमोहन और संजीव नरूला की पीठ ने केंद्र, दिल्ली सरकार, नगर निगमों और 10 निजी गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों को नोटिस जारी किया। पीठ ने सभी को 10 जून तक याचिका पर अपना पक्ष रखने को कहा है।

अधिवक्ता खगेश झा के माध्यम से दायर अपनी याचिका में, एनजीओ ने तर्क दिया है कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कक्षाओं संचालित करने के निजी स्कूलों के निर्णय से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) से जुड़े 50,000 से अधिक छात्रों को प्रभावित किया जाएगा। वे सभी लैपटॉप, फोन और इंटरनेट के खर्च का बोझ नहीं उठा सकते।

लॉकडाउन के दौरान गरीब तबके के बच्चों को ऑफलाइन क्लास के लिए मुफ्त लैपटॉप, टैबलेट या मोबाइल फोन उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है। शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र और आम आदमी पार्टी की सरकार को इस याचिका का जवाब देने के लिए कहा है। ताकि गरीब बच्चों को ऑफ़लाइन अध्ययन के लिए मुफ्त लैपटॉप, एमबी या मोबाइल फोन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए जा सकें।

एक एनजीओ द्वारा दायर की गई इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मनमोहन और संजीव नरूला की पीठ ने केंद्र, दिल्ली सरकार, नगर निगमों और 10 निजी गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों को नोटिस जारी किया। पीठ ने सभी को 10 जून तक याचिका पर अपना पक्ष रखने को कहा है।

अधिवक्ता खगेश झा के माध्यम से दायर अपनी याचिका में, एनजीओ ने तर्क दिया है कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कक्षाओं संचालित करने के निजी स्कूलों के निर्णय से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) से जुड़े 50,000 से अधिक छात्रों को प्रभावित किया जाएगा। वे सभी लैपटॉप, फोन और इंटरनेट के खर्च का बोझ नहीं उठा सकते।





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