दरअसल, पाकिस्तान में योजना मंत्री असद उमर ने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि वह ‘स्मार्ट लॉकडाउन’ लागू करने की योजना पर काम कर रहे हैं। इसमें कोरोनावायरस के हेलस्पाट की पहचान तकनीक के इस्तेमाल से संभव हो सकते हैं।
उमर ने कहा कि लॉकडाउन में रियायत दी गई है क्योंकि इससे कम आय वर्ग के लोगों पर बेहद बुरे प्रभाव सामने आ रहे थे, लेकिन उन्होंने आगाह भी किया कि इसका यह मतलब नहीं है कि सभी एहतियाती कदम वापस ले लिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि कोविड -19 के हेलस्पाट की पहचान के लिए आंकड़े बढ़ाने के लिए और ‘स्मार्ट लॉकडाउन’ लागू करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
उमर ने कहा कि आंकड़े जुटाए जा रहे हैं और देशभर के सभी अस्पतालों से कहा जाएगा कि वह एक वेब पोर्टल बनाने के लिए आंकड़े उपलब्ध कराएं, जिससे एक ही जगह कोरोनावायरस से जुड़ी जानकारी की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने एक उपकरण बनाया है, जिससे लोगों को पास के अस्पतालों के बारे में जानकारी मिल सकेगी, जहां बिस्तर खाली हैं और वेंटिलेटर उपलब्ध है। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से सभी लोगों को बरतने का अनुरोध करते हुए कहा कि वायरस का प्रकोप रोकने के लिए हर नागरिक की यह जिम्मेदारी है कि वह एहतियात बरते।
शनिवार से शुरू हुआ लॉकडाउन में ढील
बता दें कि पाकिस्तान में कोविद -19 के बढ़ते मामलों के बावजूद लॉकडाउन में ढील का पहला चरण शनिवार को शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार ने कई और भंडारों को सुबह से शाम पांच बजे तक खोलने की इजाजत दे दी है।
हालांकि चिकित्सकों ने इस रियायत के खिलाफ चेतावनी जरूर दी है। पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन के अधिकारियों ने मांग की है कि सरकार विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों का पालन करे और बंद को सख्ती से लागू करे।
24 घंटे में 22 लोगों की मौत
वहीं राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय ने कहा कि देश में कुल 30334 मामले सामने आ चुके हैं। पंजाब में संक्रमण के 11093, सिंध में 11480, खैबर पख्तूनख्वा में 4669, बलोचिस्तान में 1935, इस्लामाबाद में 641, गिलानी-बालटिस्तान में 430 और पाक अधिकृत कश्मीर में 86 मामले सामने आए हैं।
महामारी की वजह से बीते 24 घंटे में 22 लोगों की मौत हुई है। इस तरह पाकिस्तान में कोरोनावायरस के कारण अब तक कुल 639 लोग जान गंवा चुके हैं। जबकि 8023 लोग अब तक ठीक हैं।