पद्म विभूषण।
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गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले बुधवार की शाम को पद्म कलाकार की घोषणा की गई। देश के नामचीन और समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वालों के नाम इस सूची में शामिल हैं। पद्म दृश्य सूची में कर्नाटक और लेखांकन सहित देश के अधिकांश राज्यों में महत्वपूर्ण काम करने वालों को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है।

पद्म विभूषण के लिए समाजवादी पार्टी के संरक्षक बेरोजगार सिंह यादव को मरणोपरांत या सम्मान मिलेगा जबकि कर्नाटक के पूर्व उम्मीदवार और वोक्कलिंगा समुदाय के बड़े नेता पुरुष कृष्णा को भी पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाएगा। राजनीतिक सूचनाओं का आभास होता है कि सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश में जहां यादव समुदाय के जुड़ाव की अनुमान लगाया है। इसी दक्षिण में कर्नाटक के पूर्व श्री एसएम कृष्णा से वोक्कलिंगा समुदाय भी भारतीय जनता पार्टी से जुड़ सकते हैं।

राजनीतिक विश्लेषण ओपी मिश्रा कहते हैं कि कर्नाटक के पूर्व सेवक और मनमोहन सिंह की सरकार में विदेश मंत्री रहे एसएम कृष्णा को उनके सार्वजनिक जीवन में दी गई बेहतर योगदान के लिए ही पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है। लेकिन दूसरी ओर वह यह भी कहते हैं कि अगर एसएम कृष्णा को सियासत के नजर से देखें तो वह कर्नाटक के उस समुदाय से आते हैं जिसकी कर्नाटक की राजनीति में बड़ा हस्तक्षेप है। मिश्रा कहते हैं कि कर्नाटक की राजनीति में लिंगायत समुदाय और वह वोक्कलिंगा समुदाय अच्छा विशेष अधिपति है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगड़ा वोक्कलिंगा समुदाय से ही ताल्लुक रखते हैं। कहा जाता है कि कर्नाटक में वोक्कलिंगा समुदाय का बड़ा वोट बैंक जेडीएस के साथ है। जबकि यही समुदाय का एक बड़ा तबका कांग्रेस के साथ भी है। कांग्रेस के बड़े नेता डीके शिवकुमार इसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। ओपी मिश्रा कहते हैं कि एसएम कृष्णा को पद्म विभूषण से सम्मानित कर वोक्कलिंगा समुदाय में भारतीय जनता पार्टी की अच्छी पैठ बन सकती है। और इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भी इसका फायदा मिल सकता है।

इसी तरह उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के संरक्षक बेरोजगार सिंह यादव को भी पद्म विभूषण सम्मान से नवाजा गया है। नामांकन सिंह यादव को यह सम्मान उनके सार्वजनिक जीवन में समाज और लोगों की भलाई के लिए किए गए कार्यो के लिए दिया गया है। लेकिन सियासत को करीब से समझने वाले इस बात को कहने से नहीं चूकते हैं कि लिपट सिंह यादव को पद्म विभूषण सम्मान से नवाजने के साथ भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के पिछड़े वोट बैंक में भी बड़े नजर आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि भारतीय जनता का पिछड़ापन और पिछड़ी पार्टी बहुत अधिक बनी हुई है। उनका कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव में इंडियन पब्लिक को इसका कुछ सियासी आनंद पार्टी ने भी दिया है।

दरअसल इस साल कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव हैं। इसमें भारतीय जनता पार्टी लगातार दक्षिण के क्षेत्रों में अपना विस्तार कर रही है। कर्नाटक और नेटवर्किंग में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पूरी से ऐसी ताकतें भी लगा रखी हैं। बुधवार को पद्म दृश्य की सूची में कर्नाटक आए और 13 विशिष्ट लोगों को यह पुरस्कार देने की घोषणा की। इसमें कर्नाटक से आठ और प्रमाणीकरण से पांच लोग शामिल हैं। जबकि छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, नागालैंड, त्रिपुरा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उड़ीसा सहित अरुणाचल प्रदेश की शख्सियतों को भी पद्म दृश्य से नवाजा गया है।

समाजशास्त्री प्रोफेसर हर्षवर्धन कहते हैं कि सभी लोगों को पद्म पुरस्कार मिले हैं, वे सभी लोग अपने-अपने क्षेत्र में एक बहुत बड़ा नाम हैं और लोगों को प्रेरणा देने वाले हैं। यही कारण है कि उनके देश के सर्वोच्च परिदृश्य में पद्म सम्मानों से नवाजा जा रहा है।। उनका कहना है कि पुरस्कार पाने वालों को आप वास्तव में जोड़ नहीं सकते। राजनीतिक दस्तावेज़ का कहना है कि यह बात अलग है कि ऐसे नामों के साथ यदि किसी तार्किक पक्ष को सियासी आनंद मिलता है तो वह दूसरी बात हो सकती है। राजनीतिक रिपोर्ट का मानना ​​है कि दक्षिण के राज्यों में मिलने वाले पद्म दृश्य का परोक्ष या अपरोक्ष रूप से भारतीय जनता पार्टी को खुशी मिल सकती है।

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