ख़बर सुनता है
इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (आईएलओ) के अनुसार, प्रशिक्षण के कामगारों में पांच में से चार मजदूर लॉकडाउन में काम बंद होने के कारण Inf हंै। ऐसे लोगों का कुल आंकड़ा लगभग 330 करोड़ है। वहीं 106 करोड़ कामगारों को यह बात का खतरा है कि उनका रोजी रोटी का साधन पूरी तरह से तबाह हो जाएगा। अर्जेंटीना में हालात पहले से ही खराब हैं। 4 करोड़ 40 लाख की आबादी में एक तिहाई लोग गरीबी में जी रहे हैं। महामारी से पहले 80 लाख लोग खाने की मदद मांग रहे थे, अब इसमें 30 लाख लोग और जुड़ गए हैं।
मिस्र में 100 रु
मिस्र में भी हालात खराब हो गए हैं। देश की आधिकारिक स्टेटिस्टिक्स एजेंसी के अनुसार राजधानी काहिरा में 2 करोड़ लोग प्रभावित हैं क्योंकि उनका रोजगार बंद हो चुका है और कृषि जा चुकी हैं और लोग अपने घरों की ओर लौट रहे हैं। महामारी में कोई किसी से काम कराने को तैयार नहीं है।
मिस्र में लगभग रोज़ाना लगभग 100 रुपये में गुजारा करने को मजबूर हैं। छह प्रतिशत लोग अत्यंत गरीबी में जी रहे हैं। सरकार ने राहत के लिए हर महीने 2200 रुपये आर्थिक मदद देने की बात भी कही है जिससे बेहद गरीब लोगों के जीवन को नई तरह से बचाया जा सकेगा।