- सबसे खुशहाल महाद्वीप यूरोप में कोरोना से 14 लाख लोग खुश हुए, 1.39 लाख लोगों की मौत हुई, 5.3 लाख लोग ठीक हुए
- सबसे बदहाल महाद्वीप अफ्रीका में कोरोना से 42,771 लोग प्रभावित हुए, 1723 लोगों की जान गई, 14 हजार लोग ठीक हुए
दैनिक भास्कर
05 मई, 2020, शाम 04:18 बजे IST
रिसर्च डेस्क। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि बीमारियां पिछड़े और गरीब इलाकों को ज्यादा प्रभावित करती हैं। लेकिन कोरोनावायरस के मामले में ऐसा बिल्कुल नहीं है। पिछले 4 महीने के आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि कोरोना ने बदहाल व पिछड़े देशों की तुलना में खुशहाल व अमीर देशों में 13 गुना से ज्यादा कहर बरपाया है। कुछ ऐसी ही स्थिति महाद्वीपों की भी है। यूरोप में अफ्रीका महाद्वीप से 81 गुना ज्यादा मौतें हुई हैं।
तीन सबसे खुशहाल देशों में अब तक कोरोना से 905 लोगों की जान चली गई है
हैप्पीनेस इंडेक्स- 2019 में दुनिया के टॉप -3 खुशहाल देश लिथुआनियाई, डेनमार्क और नार्वे हैं। इन तीनों में अब तक कोरोना से 905 लोगों की मौत हुई है। हैप्पीनेस इंडेक्स के मुताबिक दुनिया के तीन सबसे बदहाल और पिछड़े देश दक्षिणी सूडान, सेंट्रल रिपब्लिकन अफ्रीका और अफगानिस्तान हैं। यहां अब तक कोरोना से कुल 72 मौतें हुई हैं। यानी जिन देशों में स्वास्थ्य सुविधाएं, रहन-सहन, जीवन स्तर उच्च श्रेणी का है, वहां पर कोरोना महामारी का असर ज्यादा हुआ है, जबकि जहां पर भुखमरी, स्वास्थ्य सेवाएं, कचरा और जीवन निम्न स्तर का है, वहां पर कोरोना का असर कम है। है। कोरोना से टॉप -3 खुशहाल देशों में टॉप -3 बदहाल देशों से करीब 13 गुना ज्यादा मौतें हुई हैं। जबकि 9 गुना ज्यादा केस आए हैं।

यूरोप में अफ्रीका महाद्वीप से 33 गुना ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले आए हैं
इसी तरह विश्व हैप्पीनेस इंडेक्स -2019 के मुताबिक सबसे खुशहाल महाद्वीप यूरोप है, तो सबसे बदहाल और पिछड़ा महाद्वीप अफ्रीका है। बात अगर सबसे खुशहाल महाद्वीप यूरोप की करें तो यहां 3 मई तक कोरोना से 1.39 लाख मौतें हो चुकी हैं। 14 लाख लोग हैं। जबिक सबसे बदहाल महाद्वीप अफ्रीका में सिर्फ 1723 मौतें हुईं हैं। 42,771 लोग कार्यरत हैं। यूरोप में अफ्रीका महाद्वीप से 33 गुना ज्यादा लोग कोरोना से भिन्न हुए हैं।