अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
अपडेटेड सन, 10 मई 2020 05:23 AM IST
लगे हुए आम दिनों के दृश्य ।।
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि लॉकडाउन -1 व 2 मेें दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में काफी कमी आई थी। लगभग डेढ़ महीने वायु गुणवत्ता सूचकांक 50-99 के बीच के स्तर पर रहा है, लेकिन लॉकडाउन -3 में प्रवेश करने के साथ गुणवत्ता में गिरावट दर्ज की गई है। 5 मई को सूचकांक औसत सेवा 119 पर पहुंच गई। अगले पाँच दिन में कोई सुधार नहीं हुआ। शनिवार को यह 144 पर रिकॉर्ड किया गया।
उधर, यात्रा का पूर्वानुमान है कि हवा की गुणवत्ता में अगले सप्ताह सुधार होने की गुंजाइश नहीं है। इस बीच गुणवत्ता औसत से खराब स्तर की तरफ बढ़ेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी बड़ी वजह सड़क पर वाहनों का उतरना है। लॉकडाउन -3 में दिल्ली की सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बढ़ी है। वहीं, निर्माण गतिविधियों को भी धीरे-धीरे शुरू किया जा रहा है। दोनों के मेट-जुले असर से हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है।
हवा में ओजोन का स्तर भी बढ़ा
धूल के महीने कणों पीएम 2.5 व 10 के अलावा इस वक्त दिल्ली की हवा में ओजोन का स्तर भी बढ़ा है। तीन दिन में वायु गुणवत्ता सूचकांक में यह प्रभावी रहा है। यात्रा के वैज्ञानिक गुफरान बेग का कहना है कि इस बीच तापमान बढ़ा है। साथ ही लोगों के बाहर निकलने से हवा में नॉक्स की मात्रा में भी इजाफा हुआ है। दोनों के मेट-जुले असर से ओजोन की मात्रा में वृद्धि दर्ज की जा रही है। हालांकि, अभी भी इसका स्तर मानक 50 से बहुत ऊपर नहीं गया है। आने वाले तीन दिन में इसमें बड़ी वृद्धि होने का अनुमान है। अगर इसका स्तर बढ़ता है तो अस्थमा और फेफड़ों के रोग से पीड़ित लोगों पर बुरा असर पड़ेगा।
फरवरी से अप्रैल के बीच 30 प्रति घंटा पोल
यात्रा ने 20 फरवरी से 20 मार्च और 24 मार्च से 25 अप्रैल के बीच हवा की गुणवत्ता का अध्ययन किया है। इसमें नॉक्स व पीएम 2.5 के स्तर के उतार-चढ़ाव पर ज्यादा जोर था। यात्रा का कहना है कि इस बीच दिल्ली में पीएम 2.5 की मात्रा 31 प्रति व नॉक्स में 33 प्रति के लगभग गिरावट दर्ज की गई है। इससे दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा साफ-सुथरी रही।
दिनांक वायु गुणवत्ता सूचकांक
3 मई 93
4 मई 94
५ मई ११ ९
6 मई 139
7 मई 127
8 मई 134
९ मई १४४