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जिस नए सिस्टम की बात हो रही है, वह काफी हद तक यूरोप की तर्ज पर बनी रहेगी। बसों में आधी रात खत्म हो जाएगी तो वहाँ ट्रेन और मेट्रो के फेरे सात गुना तक बढ़ जाएंगे। मेट्रो कोच या ट्रेन की एक बोगी में सोशल डिस्टेंसिंग के चलते यात्रियों की संख्या आधी होगी। टिकट लेने का सिस्टम बदलेगा तो वहाँ साइकिल को सबसे ज्यादा तवज्जो मिलेगी। नई प्रणाली यात्रियों की जेब पर भारी इच्छाशक्ति।
नई प्रणाली तैयार करने में जुटी कई मंत्रालयों की कमेटी है …
केंद्र सरकार के ट्रांसपोर्ट, रेलवे, वित्त, शहरी विकास, स्वास्थ्य और गृह मंत्रालय के अधिकारियों की टीम विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ मिलकर इस परियोजना पर काम कर रही है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अब जो सिस्टम बनेगा, वह यूरोप की तरह नजर आएगा। सोशल डिस्टेंसिंग के हिसाब से ट्रक व बसें तैयार होंगी।
इनका जीवनकाल भी लंबा रहेगा। हर एक वाहन में पीसी वॉश, सॅंइटाइजर, फेस मास्क और गहने आदि की व्यवस्था की जाएगी। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य में नई व्यवस्था के तहत 52 सीट वाली बस में अब 25 यात्री बैठेंगे।
ऐसी स्थिति में यात्रियों को दोगुना किराया देना पड़ेगा। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष कुलतरण सिंह अटवाल और झारखंड बस मालिक एसोसिएशन के सचिव किशोर मंत्री भी कह चुके हैं कि इस बाबत बस मालिकों के साथ चर्चा हो रही है। हम चाहते हैं कि सभी राज्यों में कोरोना से आरक्षण वाला एक समान ट्रांसपोर्ट सिस्टम लागू हो। अब परिवहन क्षेत्र में कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। जब बसों की सीट आधी होगी तो किराया भी दोगुना बढ़ेगा।