- ट्रम्प ने कहा प्रस्ताव में मुझे दुश्मनी के बावजूद ईरान के खिलाफ अमेरिकी सैन्य बलों का इस्तेमाल नहीं करने का निर्देश दिया गया था
- ट्रम्प ने कहा कि यह प्रस्ताव रिपब्लिकन पार्टी को बांटे चुनाव में जीत हासिल करने की डेमोक्रेट्स की रणनीति का हिस्सा था
दैनिक भास्कर
07 मई, 2020, 11:04 AM IST
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कांग्रेस (संसद) में पास हो एक प्रस्ताव के खिलाफ अपने वीटो पावर का इस्तेमाल किया है। उन्होंने बुधवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि मैंने ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के इस्तेमाल से संबंधित प्रस्ताव को वीटो किया है। इसमें मुझे दुश्मनी के बावजूद ईरान के खिलाफ अमेरिका के सशस्त्र बलों का इस्तेमाल नहीं करने का निर्देश दिया गया था।
उन्होंने कहा, यह एक अपमानजनक प्रस्ताव था। इसे डेमोक्रेट्स ने 3 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को देखते हुए पेश किया था। यह रिपब्लिकन पार्टी को बांट चुनाव में जीत हासिल करने की उनकी (डेमोक्रेट्स) रणनीति का हिस्सा था।
इरानींदरर के मारे जाने के बाद अमेरिका-ईरान में तनाव बढ़े
अमेरिका ने इस साल जनवरी में एक हवाई हमले में ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। जवाब में ईरान ने अमेरिकी सैन्य बेस पर तोप दागे थे। इसके बाद ट्रम्प ने ईरान पर हमले की चेतावनी दी थी। ट्रम्प को हमले से रोकने के लिए यह प्रस्ताव अमेरिकी संसद ने पारित किया था।
13 मार्च को पारित हुआ था प्रस्ताव था
अमेरिकी संसद के निचले सदन अभ्यावेदन सभा में इस वर्ष 13 मार्च को मंजूरी मिली थी। प्रस्ताव के पक्ष में 227 और विरोध में 186 वोट पड़े। प्रस्ताव के मुताबिक, संसद की मंजूरी के बिना ईरान पर सैन्य कार्रवाई नहीं की जा सकती थी। उच्च सदन सीनेट में यह प्रस्ताव पहले ही पारित हो चुका था। प्रतिनिधित्व सभा में डेमोक्रेट नेता स्टेनी हॉयर ने कहा था कि कई देश हैं, जहां एक व्यक्ति निर्णय लेता है। उन्हें तानाशाह ने कहा जाता है। हमारे देश के निर्माता नहीं चाहते थे कि अमेरिका को तानाशाह चले गए।
सातवीं बार वीटो पावर का इस्तेमाल किया गया
यह सातवीं बार है जब ट्रम्प ने अपना वीटो पावर लगाया है। ट्रम्प ने मेक्सिको सीमा पर बनी दीवार के लिए धन नहीं देने के कांग्रेस के फैसले के खिलाफ पहली बार वीटो जारी किया था। उन्होंने उस समय दीवार न देने के कांग्रेस के फैसले को लापरवाह और खतरनाक बताया था।
वे सऊदी अरब को अमेरिकी सेना की मदद देने के प्रस्ताव को भी वीटो कर चुके हैं। अमेरिका ने यमन नागरिक युद्ध में सऊदी अरब की मदद के लिए अमेरिका के सैनिकों को भेजने की बात कही थी। इसके बाद यह प्रस्ताव अमेरिकी संसद में पारित हुआ था। ये दो मौकों के अलावा भी ट्रम्प पांच पर अपने वीटो पावर का इस्तेमाल कर चुके हैं।