- सिनसिनाटी विश्वविद्यालय ने कोरोना के 103 रोगियों पर छह सप्ताह तक अध्ययन किया, जिसमें नए लक्षण सामने आए
- शोध में विशेष रूप से युवा और महिला रोगियों में सूज़न और स्वाद पहचानने की क्षमता खत्म होने की समस्या ज्यादा दिखाई दे रही है
दैनिक भास्कर
09 मई, 2020, 02:54 PM IST
न्यूयॉर्क। कोरोनावायरस के नए-नए लक्षण निकलकर सामने आ रहे हैं। सिनसिनाटी विश्वविद्यालय के एक नए शोध में पता चला है कि अस्थिर रोगियों की तीन दिन बाद सूंघने की क्षमता खत्म हो जाती है। यूनिवर्सिटी के एक शोधकर्ता ने बताया कि कई रोगियों की स्वाद पहचानने की क्षमता पर भी असर पड़ा है। शोध में युवा और महिला रोगियों में ऐसी समस्या विशेष रूप से देखने को मिली। स्वीट् बॉल के कैंटोनसपिट औरो हॉस्पिटल में कोरोना के 103 मरीजों पर छह सप्ताह तक अध्ययन करने के बाद ये तथ्य आए। इन चीरों से पूछा गया कि उनमें कितने दिन से लक्षण हैं। लक्षणों की टाइमिंग और शुद्धता से जुड़े प्रश्न किए गए।
इससे पहले अमेरिका के केंद्र फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) भी कोरोना से स्वाद और सूंघने की क्षमता खत्म होने की बात कह चुकी है। सीडीसी ने इन लक्षणों को अपनी आधिकारिक सूची में भी जोड़ा है।
सोशने की क्षमता खत्म होने का अन्य लक्षण है
सिनसिनाटी विश्वविद्यालय के यूसी कॉलेज ऑफ मेडिसिन डिपार्टमेंट के ओटोलरीन्गोलॉजी सर्जरी के एसोसिएट प्रोफेसर अहमद सेदाघाट के मुताबिक संक्रमण से एनोस्मिया (सूंघने की क्षमता में कमी) होना बहुत खतरनाक है। इसका सीधा संबंध रोगी में सामने आ रहे अन्य लक्षणों से हैं। अगर एसानोमिया के लक्षण ज्यादा हैं तो मरीज में खांसी, सांस लेने में तकलीफ और बुखार जैसी समस्या भी बहुत होगी।
नए लक्षण का पता चलना कोरोना के इलाज में महत्वपूर्ण है
सेदाघाट के मुताबिक शोध में लगभग 61% रोगियों ने सूंघने की क्षमता खत्म होने की बात मानी है। इनमें यह क्षमता खत्म होने का औसत समय 3 दिन 4 घंटे पाया गया। रिफाइनरी के मुताबिक, यह लक्षण पता चलता है। अब किसी में कोरोना संक्रमण के साथ सूंघने की क्षमता कम है तो यह जाना जा सकता है कि वह संक्रमण के पहले सप्ताह में है। ऐसे में अगले एक या दो सप्ताह उसके इलाज के लिए बचे रहेंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि यह बीमारी का संकेत भर देता है, यह पूरा होने का कारण नहीं माना जाना चाहिए।