नई दिल्ली: चीन ने कहा कोरोनावायरस (कोरोनावायरस) मामला पर चुप्पी साध रखा है और वह महामारी से जान गंवाने वालों को शहीद बता रहा है। वहीं ताजा मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन में अपनों को कोरोनावायरस महामारी में चुनने वाले परिवार सरकार से मुआवजे और संशोधन चाहते हैं।
हालांकि कोरोनावायरस पर चीन सरकार का रूख देखकर लगता है कि वह किसी भी तरह की सफाई देने के मूड में नहीं है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन लोगों ने कम्युनिस्ट पार्टी की कोरोनावायरस कहानी को लेकर चुनौती दी थी, उन्हें अब बाहर निकाला जा रहा है। ऐसे में सरकार पर मुकदमा करने के लिए कुछ लोग सामाजिक कार्यकर्ता यांग झान किंग के पास मदद मांगने पहुंचे।
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हालांकि उन्हें भी डॉक्टरों और पत्रकारों की तरह चुप करा दिया गया। वहीं कोरोना महामारी में अपनों को चुनने देने वाले कुछ परिवारों को पुलिस हस्तक्षेप का सामना तक करना पड़ा। इसके अलावा वकीलों को सरकार के खिलाफ कोई भी मुकादमा दायर नहीं करने की चेतावनी दी गई है। कहा जा रहा है कि कम्युनिस्ट पार्टी नहीं चाहती कि कोई भी उसके आधिकारिक बयान को चुनौती दे, ऐसे में इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि कोई भी उस पर सवाल खड़े न कर सके।
अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी के नेताओं का मानना है कि अगर चीन शुरूआत में वायरस के बारे में जानकारी साझा कर देता है तो, मौतों और वैश्विक अर्थव्यवस्था के विनाश से बचा जा सकता था। आपको बता दें कि कोरोनावायरस से दुनिया भर में 30 लाख से बहुत अधिक लोग हैं। वहीं इस वायरस से मौत का आंकड़ा 2 लाख 57 हजार पहुंच गया है।
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