- चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा- अमेरिका का दुश्मन कोरोनावायरस है चीन नहीं
- उन्होंने कहा- डब्ल्यूएचओ वायरस की उत्पत्ति की जांच कर रही है और हम सहयोग के लिए हमेशा तैयार हैं
दैनिक भास्कर
07 मई, 2020, 11:21 PM IST
बीजिंग। चीन ने गुरुवार को कहा कि वुहान का जैव उद्योग एक चीनी-फ्रेंच कोऑपरेशन प्रोजेक्ट है। इसके स्टाफ की ट्रेनिंग भी फ्रांस में हुई है। WHOOIDS की उत्पत्ति की जांच कर रही है और हम सहयोग के लिए तैयार हैं। चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुई चुनयिंग ने गुरुवार को कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो का वुहान की जापान पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठा है।
‘जापान के स्टाफ की ट्रेनिंग फ्रांस में हुई‘
चुनयिंग ने कहा कि हो सकता है कि वे यह नहीं जानते होंगे कि पी। 4 वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (डब्ल्यूएचसी) चीन-फ्रांस का प्रोजेक्ट है। इसके डिजाइन निर्माण और प्रबंधन में आंतरिक मानकों का पालन किया गया है। जापान के पहले टिकट की ट्रेनिंग फ्रांस के जापान में ही हुई थी। इसके इक्विपमेंट की हर साल इंटर्न लेवल पर मान्यता प्राप्त थर्ड पार्टी से जांच कराई जाती है।
पोम्पियो सबूत: चयनकर्ता
हाल के दिनों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और विदेश मंत्री दावा करते हैं कि वायरस वुहान के दक्षिण से आया है। वुहान में ही दिसंबर में कोरोना का पहला मामला सामने आया था। चुनयिंग ने एक बार फिर पोम्पियो से कहा कि वे सबूत देखें। उन्हें यह साबित करना होगा कि कोरोनोवायरस वुहान के जापान से उत्पन्न हुआ है। उनकी बातें विरोधाभासी हैं। वे एक झूठ को छुपाने के लिए कई झूठ बोल रहे हैं।
‘अमेरिका को मिलकर काम करना चाहिए‘
ट्रम्प ने बुधवार को दावा किया था कि कोरोनावायरस, हार्ट हार्बर अटैक और 1 सितंबर 2001 को हुए आतंकी हमले से भी बुरा हुआ है। इस पर चयनयिंग ने कहा कि ऐसे समय में दुश्मन कोरोनावायरस चीन में नहीं है। अमेरिका को वायरस के खिलाफ चीन के साथ मिलकर काम करना चाहिए। क्योंकि, केवल ठोस प्रयासों के साथ ही वायरस के खिलाफ इस युद्ध को जीत सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हम देख रहे हैं कि कुछ अमेरिकी अधिकारी आरोप लगा रहे हैं। चीन ने दो महीने में वायरस पर जीत हासिल कर ली, लेकिन अमेरिका इतना विकसित देश होने के बावजूद अभी तक सफल नहीं हुआ है।
‘हमने कभी भी डब्ल्यूएचओ की जांच का विरोध नहीं किया‘
चुनयिंग ने डब्ल्यूएचओ द्वारा कोरोनावायरस की उत्पत्ति की जांच के लिए सहमति जताई है। उन्होंने बताया कि हमने कभी डब्ल्यूएचओ का विरोध नहीं किया है। हम संगठन के काम का समर्थन कर रहे हैं। यह खुले और पारदर्शी तरीके से इसकी उत्पत्ति की जांच कर रहा है।
‘कुछ देश भी इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं ‘
उन्होंने कहा कि हम अमेरिका और इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं कुछ अन्य देशों का विरोध करते हैं। अगर भविष्य में फिर कभी ऐसी महामारी आई तो चीन अच्छे परिणाम के लिए जो भी करेगा। उन्होंने कहा कि कोरोनो की उत्पत्ति का मुद्दा एक वैज्ञानिक मामला है। इसके मूल्यांकन वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों द्वारा किया जाना चाहिए।
ट्रम्प ने डब्ल्यूएचओ पर भी आरोप लगाया
चीन पर हमला करने के अलावा ट्रम्प डब्ल्यूएचओ की भी आलोचना करते रहे हैं। उन्होंने डब्ल्यूएचओ पर चीन की कमियां छुपाने और उसका पक्ष लेने का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने संगठन को दिए जाने वाले फंडिंग पर भी रोक लगा दी।