फेसबुक ने जनवरी से ही की थी शुरूआत
चीन में जब कोविड 19 महामारी के फैलने की खबरें आई थीं, तभी फेसबुक ने वैश्विक महामारी के खतरे की आशंका के चलते अपने कुछ कर्मचारियों को लंबे समय के लिए वर्क फ्रॉम होम की सहूलियत देने की पहल कर दी थी. इसके बाद जैसे जैसे महामारी विकराल होती चली गई, फेसबुक के ज़्यादातर कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करने लगे. फेसबुक के संस्थापकों में एक और सीईओ मार्क ज़करबर्ग तक इसी वर्क कल्चर को अपना रहे हैं. वर्ज को दिए ताज़ा इंटरव्यू में ज़करबर्ग ने इस वर्क कल्चर को लेकर कई खास बातें कहीं.
काम भी दूर से और हायरिंग भीज़करबर्ग के मुताबिक अमेरिका में कंपनी की ओपन भूमिकाओं के लिए दूर से भर्ती और काम की व्यवस्था हो चुकी है. फेसबुक के दुनिया भर में 48 हज़ार से ज़्यादा कर्मचारियों में से ज़्यादातर इस साल के आखिर तक अपने ठिकाने से काम करने का आवेदन कर सकेंगे.
फेसबुक के सीईओ मार्क ज़करबर्ग. फाइल फोटो.
दस साल में रिमोट वर्कफोर्स होगी तैयार
फेसबुक कंपनी अब तक नए हायर किए गए कर्मचारियों को इसलिए 15 हज़ार डॉलर तक का बोनस देती थी कि वो मेनलो पार्क स्थित हेडक्वार्टर के पास रहें. लेकिन, कोविड 19 के बाद अब फेसबुक उस तरह की सबसे बड़ी कंपनी बनने की तरफ है, जो बड़ी वर्कफोर्स को अगले दस सालों में घर से काम करने के लिए तैयार करेगी.
कैसे होगा इतना बड़ा बदलाव?
ज़करबर्ग ने साफ तौर पर कहा कि रिमोर्ट वर्क कल्चर फेसबुक जैसी बड़ी कंपनी के स्तर पर समय लेगा. अगले पांच से दस सालों में कंपनी के करीब आधे लोग हमेशा के लिए रिमोट वर्किंग कर रहे होंगे. यह बदलाव पूरी रणनीति के साथ किया जाएगा. फिलहाल इस साल के लिए वर्क फ्रॉम होम की सुविधा है और उसके बाद भी कोविड 19 की स्थिति के हिसाब से यह सुविधा बहाल रहेगी ही.

ट्विटर के सीईओ जैक डॉर्सी. फाइल फोटो.
सकारात्मक है वर्क फ्रॉम होम
ज़करबर्ग ने इंटरव्यू में बताया कि कंपनी के भीतर हुए एक सर्वे में 40% कर्मचारियों ने वर्क फ्रॉम होम में दिलचस्पी दिखाई. साथ ही, कई कर्मचारियों में सकारात्मक बदलाव नज़र आए और वर्क फ्रॉम होम सिस्टम के चलते उनकी क्षमता या उत्पादकता बढ़ी पाई गई. ज़करबर्ग ने यह भी कहा कि उन्हें महसूस हुआ कि वर्क फ्रॉम होम के दौरान खुद वह भी ज़्यादा बेहतर और ईमानदार काम कर सके. अब जानें कि रिमोर्ट वर्क कल्चर पर ट्विटर की क्या योजना है.
हमेशा वर्क फ्रॉम होम की इजाज़त
ट्विटर ने करीब डेढ़ हफ्ते पहले अपने कर्मचारियों को यह इजाज़त देते हुए कहा था कि अगर वह इस तरह की भूमिका में काम कर रहे हैं कि घर से काम कर सकते हैं, तो वो चाहें तो हमेशा कर सकते हैं. अगर कर्मचारी वापस दफ्तर आना चाहें तो स्वागत है और जब सब ठीक हो जाएगा तो कंपनी सावधानियों के साथ उनके लिए इंतज़ाम करेगी.
सितंबर तक तो नहीं खुलेंगे दफ्तर
ट्विटर ने दफ्तरों को दोबारा खोलने की रणनीति पर कहा था कि अभी तक जो स्थितियां दिख रही हैं, उनके मुताबिक सितंबर से पहले तो दफ्तर खोले जाने की उम्मीद नहीं है. और जब भी दफ्तर खुलेंगे तो वर्क कल्चर पहले जैसा नहीं होगा. दफ्तरों की लोकेशनों और समय के साथ सुरक्षा और सावधानियों का पूरा ध्यान रखा जाएगा. साथ ही, साल 2020 तक के लिए कंपनी में कोई ऐसा इवेंट नहीं होगा, जिसमें लोगों की मौजूदगी ज़रूरी हो. 2021 के इवेंट्स के लिए इस साल के आखिर तक योजना बनेगी.

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई. फाइल फोटो.
और क्या है गूगल का नज़रिया?
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने वर्ज को दिए इंटरव्यू में साफ कहा कि उनके साथ ही कंपनी के कई कर्मचारी रिमोर्ट वर्किंग कर रहे हैं. चूंकि गूगल हार्डवेयर के क्षेत्र में भी बड़ी कंपनी है इसलिए पिचाई का कहना है कि इस साल तक के लिए तो वर्क फ्रॉम होम की रणनीति है, लेकिन उसके बाद कोविड 19 संबंधी स्थितियों पर निर्भर करेगा कि आगे किस योजना के तहत काम किया जाए.
पिचाई को वर्क फ्रॉम होम पर है शक
गूगल और अल्फाबेट के सीईओ पिचाई ने वर्क फ्रॉम होम कल्चर को लेकर आशंका भी जताई. उन्होंने कहा कि जो लोग ऐसा करते रहे हैं, ‘मैंने अक्सर उनसे सुना है कि घर से काम करने का मतलब घर से काम न करना ही ज़्यादा होता है’. आईटी के लिए यह मुश्किल है. आप कैसे इसकी सीमाएं तय करेंगे? पिचाई ने कहा कि वो अक्सर इस बारे में सोचते हैं और आगे की प्रक्रियाओं के लिए विचार कर रहे हैं.
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