ख़बर सुनकर
सार
- बहुत जल्द दुनिया को चक्की से अच्छी खबर हो सकती है
- आठ टीमें कोरोना की वैक्सीन बनाने के बेहद करीब
- हजारों शोधकर्ताओं के साथ काम कर रहे डब्ल्यूएचओ
- 400 वैज्ञानिकों का एक समूह बनाए रखा गया है
विस्तार
टेडरॉस के मुताबिक कई देशों ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया है और लगभग 100 अलग-अलग टीम वैक्सीन का ट्रायल कर रही हैं और इनमें से आठ ऐसी हैं जो इसके बेहद करीब भी हैं। दो महीने पहले हमने अनुमान लगाया था कि यह बनने में 12 से 18 महीने का वक्त लग सकता है लेकिन काम में तेजी आई है और ये समय से पहले विकसित कर ली जाएगी। हालांकि, टेडरॉस ने देशों से अपील की है कि उन्हें शोध और अनुसंधान के लिए लगभग आठ बिलियन डॉलर जुटाया गया है।
वैक्सीन बनने के बाद बड़ी मात्रा में उसके उत्पादन की भी जरूरत पड़ती है इसलिए ये राशि कम है। टेडरॉस ने बताया कि बीते दिनों उन्होंने 40 देशों से इस बारे में अपील भी की है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि आठ बिलियन डॉलर की राशि काफी नहीं है और हमने कुछ मदद की जरूरत है। अगर ये मदद नहीं मिलती है तो वैक्सीन बनाने के काम में लगातार देरी होती रहेगी।
टेडरॉस ने वैक्सीन के बारे में जानकारी दी कि हम वर्तमान में उन नेताओं पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं जो नतीजे के करीब हैं और तेजी से काम करने में सक्षम हैं। टेडरॉस ने उन लोगों का नाम जाहिर करने से इनकार कर दिया।
काम के हजारों शोधकर्ताओं के साथ काम कर रहे हैं
डायरेक्टर जनरल टेडरॉस एडनॉम ने बताया कि जनवरी से ही हम लोगों के हजारों शोधकर्ताओं के साथ काम कर रहे हैं। ज्यादातर वैक्सीन जानवरों पर इस्तेमाल करते भी शुरू कर चुके हैं जबकि कुछ ह्यूमन ट्रायल भी शुरू कर चुके हैं। लगभग 400 वैज्ञानिकों का एक समूह इस पूरे काम-काज पर नजर रख रहा है।
टेडरॉस ने कहा कि कोरोना संक्रमण बेहद खतरनाक है और बिना वैक्सीन के इस लड़ाई में हम काफी कमजोर स्थिति में बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि ये संक्रमण सभी देशों को सिखाकर गया है कि मजबूत स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की हर देश को बहुत जरूरत है।