भारतवंशी छात्रों की मदद के लिए आगे आए – फोटो: अमर उजाला
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कोरोना महामारी ने विदेश में फंसे भारतीयों को भी परेशानी में डाल दिया है। विशेष तो अध्ययन के लिए यूनाईटेड हांग्जो (यूके) में रह रहे छात्रों के सामने बड़ा संकट पैदा हो गया है। किंतु कोरोना संकट की इस घड़ी में भारतवंशी उनकी मदद के लिए आगे आए हैं।
ब्रिटेन में रहने वाले उत्तर भारतीयों की प्रमुख संस्था उत्तर प्रदेश कम्युनिटी एसोसिएशन ऑफ यूके (यूपीसीए) ने छात्रों की काफी मदद की है। लंदन में रहने वाले यूस्थए के अध्यक्ष मधुरेश मिश्र ने बताया कि कोरोनानिस में भारतीय छात्र भी संकट में हैं क्योंकि ज्यादातर छात्र पढ़ाई के साथ पार्ट टाईम जॉब भी करते हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण कामकाज बंद है, जिससे उनके पास काम नहीं हो रहा है।
उन्होंने बताया कि लंदन से लगभग 115 किमी दूर पोर्ट माउथ में लगभग 300 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। छात्रों के आर्थिक संकट में फंसे होने की जानकारी मिलने के बाद फ्रेंड ऑफ इंडिया सोसाइटी के साथ मिलकर छात्रों को जीवदान दक्षता बस्ता उपलब्ध कराया गया। जिस तरह से भारत के विभिन्न राज्यों में रहने वाले प्रवासी अपने गांव पहुंचने के लिए व्याकुल हैं।
उसी तरह लंदन में रहने वाले छात्र भी स्वदेश वापसी चाहते हैं। लेकिन विमान सेवा बंद होने के कारण वर्तमान में गृहवापसी संभव नहीं है। मधुरेश मिश्र उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के मूल निवासी हैं। मिश्र ने बताया कि यूके में नेशनल स्टूडेंट आर्गनाईजेशन (इंसा) और फ्रेंड्स ऑफ इंडिया सोसायटी इंटरनेशनल (फिसी) दोनो ही संस्थाएं ब्रिटेन में फंसे भारतीयों की मदद कर रही हैं। यूपीसीए के कार्यकर्ता इस संस्था के साथ मदद कार्य में जुटे हैं।
कोरोना महामारी ने विदेश में फंसे भारतीयों को भी परेशानी में डाल दिया है। विशेष तो अध्ययन के लिए यूनाईटेड हांग्जो (यूके) में रह रहे छात्रों के सामने बड़ा संकट पैदा हो गया है। किंतु कोरोना संकट की इस घड़ी में भारतवंशी उनकी मदद के लिए आगे आए हैं।
ब्रिटेन में रहने वाले उत्तर भारतीयों की प्रमुख संस्था उत्तर प्रदेश कम्युनिटी एसोसिएशन ऑफ यूके (यूपीसीए) ने छात्रों की काफी मदद की है। लंदन में रहने वाले यूस्थए के अध्यक्ष मधुरेश मिश्र ने बताया कि कोरोनानिस में भारतीय छात्र भी संकट में हैं क्योंकि ज्यादातर छात्र पढ़ाई के साथ पार्ट टाईम जॉब भी करते हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण कामकाज बंद है, जिससे उनके पास काम नहीं हो रहा है।
उन्होंने बताया कि लंदन से लगभग 115 किमी दूर पोर्ट माउथ में लगभग 300 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। छात्रों के आर्थिक संकट में फंसे होने की जानकारी मिलने के बाद फ्रेंड ऑफ इंडिया सोसाइटी के साथ मिलकर छात्रों को जीवदान दक्षता बस्ता उपलब्ध कराया गया। जिस तरह से भारत के विभिन्न राज्यों में रहने वाले प्रवासी अपने गांव पहुंचने के लिए व्याकुल हैं।
उसी तरह लंदन में रहने वाले छात्र भी स्वदेश वापसी चाहते हैं। लेकिन विमान सेवा बंद होने के कारण वर्तमान में घरवापसी संभव नहीं है। मधुरेश मिश्र उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के मूल निवासी हैं। मिश्र ने बताया कि यूके में नेशनल स्टूडेंट आर्गनाईजेशन (इंसा) और फ्रेंड्स ऑफ इंडिया सोसायटी इंटरनेशनल (फिसी) दोनो ही संस्थाएं ब्रिटेन में फंसे भारतीयों की मदद कर रही हैं। यूपीसीए के कार्यकर्ता इस संस्था के साथ मदद कार्य में जुटे हैं।