भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार इन जिलों में कोरोनावायरस के समुदाय फैलाव का पता लगाने के लिए भुगतान करने की आवश्यकता होगी। एक जिले के 10 क्लस्टर क्षेत्र के हर घर से एक-एक व्यक्ति का सैंपल लिया जाएगा।
व्यक्ति का रक्त लेकर सैंपल की जांच की जाएगी। इसलिए यह पता चल सकता है कि कितने लोगों के शरीर में कोरोनावायरस के खिलाफ कैंसर बनकर तैयार हो चुके हैं।
21 राज्यों में उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, राजस्थान, ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, केरल, कर्नाटक, झारखंड, गुजरात, छत्तीसगढ़, बिहार, असम और आंध्रप्रदेश शामिल हैं हैं।
हाल ही में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एन) ने एक एलीजा किट को विकसित किया है जोकि पहले भारतीय मीडिया किट है। इस किट के जरिये करीब करीब दो घंटे में 90 सैंपल की जांच हो सकती है। यह किट सिर्फ जांच की जांच करता है और इसका इस्तेमाल सेवाओंलांस के लिए हो सकता है।
उपचार के लिए रोगी की सिर्फ आरटी पीसीआर जांच ही अब तक देश में मान्य है। इसी किट के माध्यम से इन जिलों में सेवाओंलांस किए जाने वाले है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले 15 से 20 दिन में इसके परिणाम सामने आ सकते हैं।