अहमदाबाद में कोरोना की जांच के लिए नमूने एकत्र करते हैं स्वास्थ्य कर्मी।
– फोटो: पीटीआई
ख़बर सुनता है
सार
देश में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। बीते नौ दिनों की बात करें तो कई राज्यों में मरीजों की संख्या 50 प्रति तक बढ़ गई है। ऐसे में इन नए संशोधन क्षेत्र से चिंता बढ़ गई है।
विस्तार
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से 30 अप्रैल को जारी सूची के अनुसार, देश में 130 जिले रेड, 284 ऑर्गन और 319 जिले ग्रीन इन में हैं। अब ग्रीन जिलों में से 20 में सूची के जारी होने के बाद नए प्रकार से मिलने से सरकार में चिंता बढ़ गई है। तीन मई को अमर उजाला की रिपोर्ट को जहां ज्यादा जांच, वहीं अधिक अंतर ’में बताया गया था कि ज्यादा जांच वाले प्रदेशों में रेड जोन जिले ज्यादा मिल रहे हैं।
आशंका जताई गई थी कि जांचों की संख्या बढ़ने पर ग्रीन जिले भी रेड जोन में आ सकते हैं। दिल्ली एम्स के वरिष्ठ डॉ। व टास्क फोर्स के एक सदस्य का कहना है कि जांच बढ़ने से ग्रीन जिले रेड जोन में आ सकते हैं। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, जिससे बचाव नहीं हो सकता है।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने हर सप्ताह समीक्षा के बाद जिलों की जोन वार सूची करने का फैसला लिया था। पुनरीक्षित सूची एक या दो दिन में सामने आ सकती है। जिनके बारे में विशेषज्ञों की टीम हर जिले की समीक्षा में जुटी है।
यहाँ दोगुना रोगी हुआ
टास्क फोर्स के मुताबिक, गत सात मई तक त्रिपुरा, पंजाब, तमिलनाडु, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात और ओडिशा में मरीजों की संख्या दोगुनी या फिर 50 प्रतिशत से ज्यादा हुई है। इसीलिए आईसीएमआर घनी आबादी और प्रवासियों के कथा वाले ग्रीन जिलों में सेवाएंलांस के तौर पर जांच भी कर रही है।