रिपोर्टर डेस्क, अमर उजाला, तिरुवनंतपुरम
अपडेटेड शुक्र, 08 मई 2020 12:36 PM IST
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त्रिशूर जिला कांग्रेस कमिटी के महासचिव जॉन डैनियल द्वारा याचिका में कहा गया है कि आरोग्य सेतु उपकरण व्यक्ति की सहमति के बिना उसकी जानकारी एकत्र करता है।
अधिवक्ता श्रीराम परायन, केआर श्रीपति और अनुपमा सुब्रमण्यन के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि आरोग्य सेतु उपकरण को अनिवार्य बनाए जाने से याचिकाकर्ता दुखी है। याचिकाकर्ता व्यक्तिगत स्वायत्तता की गतिविधियों के कमजोर पड़ने से दुखी है।
सरकार ने 29 अप्रैल को इस एप को सभी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अनिवार्य कर दिया था। इसके बाद एक मई को सरकार ने एक और आदेश में आरोग्य सेतु एप को सभी निजी और सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य बनाए जाने की घोषणा की।
बता दें कि केंद्र सरकार ने दो अप्रैल को आरोग्य सेतु एप को लॉन्च किया था। सरकार इस एप के माध्यम से लोगों के लोकेशन को ट्रैक कर सकती है। साथ ही सरकार इस प्लेटफॉर्म के जरिए यह जान सकती है कि यूजर्स मरीजों के संपर्क में है या नहीं।
आरोग्य सेतु एप यूजर के स्मार्टफोन की लोकेशन को ट्रैक करता है। साथ ही यह उपकरण ब्लूटूथ के माध्यम से यह पता लगाता है कि उपयोगकर्ता के रोगियों के संपर्क में है या नहीं। साथ ही दोनों में कितनी दूरी है। इसके अलावा यह एप अपने उपयोगकर्ता को कोविड -19 से बचने की टिप्स देता है।
केरल उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा सार्वजनिक और निजी कर्मचारियों के लिए ‘आरोग्य सेतु’ ऐप का उपयोग अनिवार्य करने के लिए जारी निर्देशों को चुनौती दी गई है। pic.twitter.com/yGbHsNhFpa
– एएनआई (@ANI) 8 मई, 2020