• यदि आप किसी शेयर को 10 साल तक अपने पास नहीं रख सकते तो उसमें 10 मिनट के लिए भी निवेश करने का न सोचें। -वॉरेन बफेट
  • शेयर चुनने के समय बाजार के व्यवहार पर ही नहीं, स्टॉक फंडामेंटल, परफॉरमेंस पर प्रमुखता के साथ गौर किया जाना चाहिए।

दैनिक भास्कर

10 मई, 2020, 08:53 AM IST

नई दिल्ली। वर्तमान में घरेलू शेयर बाजार भारी उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहे हैं, ऐसे में अरबपति निवेशक वारेन बफेट की यह बात बिल्कुल सटीक बैठती है। आमतौर पर जब बाजार में तेजी आती है तो हम जल्दबाजी में शेयर खरीदना चाहते हैं और गिरावट में बिक्री शुरू होती है। इनमें से कोई भी निवेश की स्मार्ट रणनीति नहीं है। एडलवाइस वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी के हेड राहुल जैन कहते हैं कि पोर्टफोलियो के लिए शेयर चुनते समय सिर्फ बाजार के व्यवहार पर ही नहीं, स्टॉक फंडामेंटल, परफॉरमेंस पर प्रमुखता के साथ गौर किया जाना चाहिए।

कम से कम 5 साल के लिए निवेश करें
निवेश का सबसे अच्छा तरीका यह है कि कम कीमत पर मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों के शेयर की तरह। बाजार के उतार-चढ़ाव पर ध्यान दिए बगैर लंबे समय तक निवेश में बने रहने की रणनीति उनकी हैं। सामान्य तौर पर पांच साल या उससे अधिक अवधि के लिए निवेश करने के लिए लॉग टर्म इनवेस्टमेंट माना जाता है। जब बात निवेश की हो तो यह सार्थक रिटर्न पाने का मौका देता है। साथ ही मात्रा के दौर से बेहतर तरीकों से सामना में मदद करता है। लंबी अवधि के निवेश से कई तरीके के फायदे मिलते हैं। इसके लिए नियमित अंतराल पर अपने निवेश के पोर्टफोलियो का रिव्यू करें और एसेट एलोकेशन कर उसे संयमित रखें।

निवेश | क्यों फायदेमंद है लावाग टर्म का इन्वेस्टमेंट?
यदि पिछले समय पर गौर करें तो शेयर बाजार शूट टर्म के मुकाबले लराग टर्म के निवेश में बेहतर रिटर्न मिलने की पेशकश करता है। बाजार में शॉर्ट टर्म में उतार-चढ़ाव आना स्वाभाविक है, लेकिन लंबी अवधि में निवेश से बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाती है। मसलन 2008 के वित्तीय संकट के बाद बाजार में आई गिरावट को ही लें, जिनर्स ने उस समय अपने शेयर बेचे, वे बाद में नुकसान में रहे। लेकिन उस समय जिन्होंने धैर्य बनाए रखा और निवेश में बने रहे, लॉराग टर्म में उनके निवेश में कई गुना वृद्धि हुई।

फायदा | लंबी अवधि में कंपाउंडिंग का बेनिफिट
निवेश में लार्ज टर्म अप्रोच अपनाने का एक सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है। यदि आप धैर्य के साथ निवेश करते रहें तो कंपाउंडिंग आपका सबसे अच्छा दोस्त साबित होता है। यह आपके निवेश को कई गुना बढ़ा सकता है। मसलन, एक मल्टीपल फंड एसआईपी के जरिए 5,000 रुपए के मासिक निवेश पर दो साल में 10% रिटर्न की पेशकश कर रहा है। अगर इसे 10 साल तक बढ़ाया जाए तो इस निवेश से 10 लाख रुपए से ज्यादा कमाए जा सकते हैं। क्लिक की राशि में यह इजाफा कंपाउंडिंग का ही परिणाम है।

रणनीति | गिरावट के बाद होता है निवेश का सही समय
बाजार में आई हाल की गिरावट ने कई लोगों की आंखों की नींद उड़ा दी थी। लेकिन एक क्लस्टर निवेशक यही कहेगा बाजार जब अपनी ऊंचाई पर हो, उसके मुकाबले गिरावट के बाद काफी अच्छा होता है। वर्तमान में बेहतर यही है कि आप लॉंग टर्म का लक्ष्य के बारे में निवेश में बने रहें। जब भी बाजार में तेजी का दौर बनेगा, तो आपको इसका फायदा उठाने का मौका मिलेगा। यदि आप अभी भी निवेश से बाहर निकल जाएंगे तो यह मौका खो जाएगा। लेकिन गिरावट या भुगतान में निवेश बहुत सावधानी से करना चाहिए। मजबूत फंडामेंटल कंपनियों का चुनाव करना चाहिए।





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