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अगर यह दावा सही निकला तो इतिहास के लिए यह बड़ी राहत की बात होगी। इटली की न्यूज एजेंसी एेंट्सए के अनुसार रोम की संक्रामक बीमारी से जुड़े स्पलिंगजानी अस्पताल में इस टीके का परीक्षण किया गया और चूहे में ऐंटी बॉडीज तैयार किया गया। इसका प्रयोग फिर इंसान पर किया गया और इसने अपना असर दिखाया।
वैज्ञानिकों ने एक चूहे पर टीके का परीक्षण किया। पहले टीके के बाद ही चूहे के अंदर एंट बॉडीज तैयार हो गए जिन्होंने वायरस को कोशिकाओं को निष्क्रिय करने से रोक दिया। इस तरह पांच अलग अलग टीएसी के इस्तेमाल से बहुत सारे एंट बॉडीज तैयार हुए जिनमें सबसे बेहतर परिणाम देने वाले दो एंटी बॉडीज को शोधकर्ताओं ने चुना।
रोम के लोरेटो स्पलिंगजानी नैशनल इंस्टिट्यूट फॉर इन्फेक्शन डिजीज के शोधकर्ताओं ने कहा कि जब टीके का इस्तेमाल इंसानों पर किया गया तो देखा गया कि इसने कोशिका में मौजूद वायरस को खत्म कर दिया।
यह अच्छी खबर ऐसे समय में आई है जब डब्ल्यूएचओ के कोविड -19 महामारी से जुड़े विशेषज्ञ ने दावा किया है कि हो सकता है कि कोरोनावायरस का नोके ही न मिले जैसे कि एचआईवी और डेंगू का टीका नहीं मिल पाया।
दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना के कहर से लगातार जूझ रही है। इस वायरस से मरने वालों की संख्या दो लाख 52 हजार से ज्यादा हो गई है और टाइपों की संख्या 36 लाख 45 हजार से ज्यादा हो गई है। जबकि लगभग 12 लाख लोग ठीक हो चुके हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका में मृतकों की संख्या 70 हजार के करीब पहुंच गई है और 12 लाख 12 हजार से ज्यादा लोग भिन्न हैं।