- ग्लोबल लेवल की यह चौथे नंबर की सबसे मूल्यवान केमिकल कंपनी है। इसका वेल्यूएशन 2019 में 350 करोड़ डॉलर है।
- दुनिया भर में 24 सहायक सब्सिडियरी, 13 सेल्स ऑफिस और 5 रिजनल ब्रांच ऑफिस हैं। भारत में मुंबई हेड ऑफिस है।
दैनिक भास्कर
07 मई, 2020, 01:27 बजे IST
मुंबई। आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम जिले के वेंकटपुरम में दो पॉलीमर्स प्लांट से गैस टेप ने इस कंपनी को चर्चा में ला खड़ा कर दिया है। हालांकि भारत में यह बहुत अग्रेसिव कंपनी नहीं है, लेकिन पूरी दुनिया में इसके नेटवर्क फैले हुए हैं। लकी नाम से शुरू हुई पॉलीमर्स की पैरेंट कंपनी आज दुनिया भर में कई सेक्टरों में अपने डाइवर्सिफाइ बिजनेस को लेकर अग्रेसिव है।
भारत में अधिग्रहण के साथ कारोबार शुरू किया गया था केम ने कहा था
मूलरूप से यह कोरिया की कंपनी है, जिसने भारत में अपना ऑपरेशन अधिग्रहण के साथ शुरू किया था। भारत में इस कंपनी के विशाखापत्तनम, गुड़गांव, चेन्नई, मुंबई, कोलकाता, विजयवाड़ा, पुणे में निवेश और प्लांट हैं। भारत में इसका मुख्य कार्यालय मुंबई केलेजई इलाके में है। 1947 में लकी केमिकल इंडस्ट्रियल कोर्प के रूप में कंपनी ने दक्षिण कोरिया से अपनी शुरुआत की। उसके बाद यह 1969 में कोरिया स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हुआ। 1974 में कंपनी का नाम बदलकर लकी कोर्पोट हुआ। बाद में इसका भी नाम बदलकर और केम कर दिया गया। यही वह कंपनी थी जिसने भारत में 1996 में हिंदुस्थान पॉलीमर्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया और बाद में इस कंपनी का नाम पॉलीमर्स हो गया। इसकी पैरेंट कंपनी की केम है, जो दुनिया भर में फैली है। पॉलिमर्स मल्टीनेशनल कंपनी है।
1961 में बनी हिंदुस्तान पॉलीमर्स थी, जो अब पॉलीमर्स है
1961 में हिंदुस्तान पॉलिमर्स कंपनी की स्थापना हुई थी। 1978 में विजय माल्या के यूबी ग्रुप की मैकडॉवल एंड कंपनी में मर्ग हो गए। वेंकटपुरम गांव के गोपालनट्ठटनम क्षेत्र में निवेश पॉलिमर्स का प्लांट 1997 से है क्योंकि 1996 में भारतकेम ने इस कंपनी का अधिग्रहण कर लिया था। लॉकडाउन की वजह से प्लांट काफी दिनों से बंद था। बुधवार को ही इसे दोबारा शुरू करने के लिए खोला गया था। यह कंपनी मूलरूप से हाई इंपैक्ट वाला पॉलीस्ट्रीन का निर्माण करती है। हालांकि इसकी दुनिया भर में कई व्यवसाय हैं।
2.50 लाख कर्मचारी, 137 अरब डॉलर का कारोबार
पूरी दुनिया में इस कंपनी के 2,50,000 कर्मचारी हैं। 137.2 अरब डॉलर के व्यवसायिक इस कंपनी की 2019 में 24.5 अरब डॉलर की कुल बिक्री हुई थी। परिचालन लाभ 0.8 अरब डॉलर था। हालांकि 2018 में यह लाभ 2 अरब डॉलर से ज्यादा था। 2019 में कंपनी ने रिसर्च एंड डेवलपमेंट यानी आरएंडीडी पर 9.69 करोड़ डॉलर का खर्च किया था। इसके आरएंडडी में कुल 5,700 कर्मचारी हैं। पूरी दुनिया भर में 24 घंटेफैक्चिरंग सब्सिडियरी, 13 सेल्स सब्सिडियरी और 5 रिजनल ब्रांच ऑफिस।
भारत को महत्वपूर्ण बाजार विचारों का लाभ है
रसायन रसायन भारत को एक महत्वपूर्ण बाजार की समझ है और इसके आक्रामक वैश्विक विकास (आक्रामक वैश्विक विकास) योजना ने हिंदुस्तान पॉलिमर्स को 100 प्रतिशत अधिग्रहण के माध्यम से भारतीय बाजार में प्रवेश करने के लिए एक उपयुक्त कंपनी के रूप में उत्साहाना। के केम द्वारा अधिग्रहण करने के बाद हिंदुस्तान पॉलिमर्स का नाम जुलाई, 1997 में बदलकर और पॉलिमर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एमबीपीआई) रखा गया था।
दक्षिण कोरिया में मजबूत इसका प्रजेंस है
केमिकल की दक्षिण कोरिया में स्टायरिक्स व्यवसाय में बहुत मजबूत प्रजेंस है। इसकी योजना पीएस और ईपीएस के वर्तमान प्रोडक्ट रेंज द्वारा भारतीय बाजार में मजबूत उपस्थिति स्थापित करने की है। वर्तमान में जमपीआई भारत में पॉलीस्टिरिन और एक्सपेंडेबल पोलीस्टिरिन के अग्रणी निर्माताओं में से एक है। एलजीपीआई, सही परंपरा परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अपनी वेलु एडेड सेवाएं, प्रोडक्ट क्वालिटी, सेवा और समृद्ध ग्राहकों में उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्ध है।
पिछले साल टॉप 10 ग्लोबल केमिकल कंपनी में मिला था
कंपनी की वेबसाइट पर कहा गया है कि पीपीआई में, हम पॉलीमर्स के क्षेत्र में विकास, निर्माण और सेवाओं में नेतृत्व करने का प्रयास कर रहे हैं। हम भारत और दुनिया भर में अपने पेशेवर दृष्टिकोण और सेवाओं के माध्यम से अपने ग्राहकों के लिए मूल्य में इन प्रोडक्ट्स प्रस्तुत करते हैं। 2019 में यह पहली कोरियन केमिकल कंपनी थी जिसने ग्लोबल टॉप 10 में एंट्री की थी। वैश्विक स्तर पर यह चौथे क्रम की सबसे मूल्यवान रसायनल कंपनी है, जिसका वेल्यूएशन 350 करोड़ डॉलर है।