- कर्ज में कमी के लिए लगातार कई कंपनियों को बेचा भी गया
- फाइनेंशियल सर्विसेज को वारबर्ग को 2013 में बेचा गया था
दैनिक भास्कर
06 मई, 2020, दोपहर 01:01 बजे IST
मुंबई। देश में रिटेल मॉल में अग्रणी फ्यूचर ग्रुप के चेयरमैन किशोर बियानी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। मार्च में प्रमोटर किशोर बियानी कर्ज के भुगतान में असफल हो गए थे। इस कारण से बियानी की कंपनी फ्यूचर रिटेल (एफएक्स) और उसके प्रमोटरों के दोनों शेयरों को किसी दूसरे रिटेल कंपनी के साथ विलय के लिए बैंक के पास डाल रहे हैं। इस मामले में भास्कर ने किशोर बियानी को मैसेज और वॉट्सऐप किया, लेकिन उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया।
बैंक सेकेंड रिटेल कंपनियों के शेयरों के विलय के लिए डाल रहे हैं
एक अंग्रेजी पत्र की खबरों के मुताबिक बैंकों का एक्सपोजर फ्यूचर रिटेल और उसके प्रमोटर दोनों के साथ है। बैंक इस एक्सपोजर को लेकर ओवर डाल रहे हैं कि किशोर बियानी मौजूदा रिटेल प्लेयरों के साथ सभी शेयरों का विलय कर लें। बुधवार को फ्यूचर रिटेल का शेयर पेटी पर 5 प्रतिशत गिरावट के साथ 73 रुपए पर कारोबार कर रहा था। इसका बाजार कैपिटलाइजेशन 4,000 करोड़ रुपये से नीचे पहुंच गया है।
बैंकों ने कई शीर्ष रिटेल कंपनियों से संपर्क किया है
बैंकर के अनुसार, बैंकों ने विलय की संभावनाओं का पता करने के लिए कई शीर्ष रिटेल खिलाड़ियों के संपर्क साधा है। गिरते फाइनेंशियल मैट्रिक्स के कारण कंपनी को अच्छा वेल्यूएशन नहीं मिल सकता है। यह लगभग 200 करोड़ रुपए (दिसंबर 2019 तक) के पूरक से बहुत कम है। एक बैंकर ने कहा, इसलिए बैंकों ने रिलायंस रिटेल सहित सभी बड़ी कंपनियों से संपर्क किया है ताकि यह देखा जा सके कि वे किस कंपनी के अधिग्रहण में विचार रखते हैं।
बैंक ने दी असेट सेल करने की सलाह दी
प्रमोटरों के पास कंपनी की लगभग आधी इक्विटी है और इसमें से 50 प्रतिशत बैंकों के पास गिरवी है। फरवरी के बाद से शेयर की कीमत में गिरावट से बैंकों को कंपनी में अधिक जोखिम का मालिक होना पड़ेगा। ऑपरेटिंग और प्रमोटर समूह दोनों स्तर पर ऋण पुनर्गठन (ऋण पुनर्गठन) की मांग करने वाले प्रमोटरों के साथ, बैंकों ने कंपनी को सलाह दी है कि वह अपने बकाए का भुगतान करने के लिए संपत्तियां बिक्री (परिसंपत्ति बिक्री) के लिए जाएं।
बैंकों ने मंजूर क्रेडिट लाइन के वितरण को किया कम
बैंकों को इस बात की भी चिंता है कि फ्यूचर रिटेल और उसकी अन्य संबंधित कंपनियों में अनशोर डेट के पुनर्गठन से उसके 50 करोड़ डॉलर सिक्योर्ड नोटों पर क्रॉस-डिफॉल्ट हो सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि प्रमोटर ऋण (डेट) के पुनर्गठन से कंपनी के सीनियर सिक्योर्ड नोटों पर चेंज ऑफ कंट्रोलर क्लॉज में बदलाव को गति मिल सकती है। क्योंकि प्रमोटर शेयरहोल्डिंग 26 प्रतिशत से नीचे गिर जाएगा। इसके साथ ही बैंकों ने फ्यूचर रिटेल की बैंकों से अप्रूवड क्रेडिट लाइन के वितरण को धीमा कर दिया है। कंपनी पर 2,125 करोड़ रुपये के वर्किंग कैपिटल क्रेडिट लोन शामिल हैं, जो अप्रैल में उपलब्ध होने की उम्मीद थी।
वर्किंग कैपिटल जारी होने पर कंपनी की फंड की जरूरत पूरी तरह से होगी
कंपनी अपनी लिक्विडिटी को सपोर्ट करने के लिए 650 करोड़ रुपए पीक सीजन वर्किंग कैपिटल क्रेडिट लाइन का लाभ उठाने की सोच रही है।) हालांकि इस महीने बैंक वर्किंग कैपिटल को जारी कर सकते हैं, जिससे इसकी फंडिंग की जरूरतें पूरी हो सकती हैं। इससे फर्म आपके अपने को बचा सकती है। इससे पहले मार्च के अंतिम सप्ताह में किशोर बियानी फ्यूचर रिटेल में भाग बेचने के लिए प्रेमजी इंवेस्ट से बातचीत कर रहे थे। साथ ही वे राइट्स इस्यू की भी तैयारी कर रहे थे। लेकिन बाजार की खराब हालत ने इस पर पानी फेर दिया। फ्यूचर ग्रुप पर कुल कर्ज 11,970 करोड़ रुपये है जबकि सभी ग्रुप कंपनियों के 90 प्रतिशत शेयर को गिरवी रखा गया है।
पादालून को बेचकर जुटाए 1,600 करोड़ रुपए थे
दरअसल बिग बाजार की विजेताओं की सफलता के बाद किशोर बियानी ने अपने व्यवसाय को फाइनेंशियल सेवाओं सहित अन्य सेक्टर में डाइवर्सिफाइ किया। कपड़े से लेकर बीमा तक का समावेश था। वर्ष 2012 में बियानी ने अपने फंटालुन ब्रांड को आदित्य बिड़ला समूह को 1,600 करोड़ रुपये में बेच दिया। इस सौदे को भी कर्ज चुकाने के लिए ही किया गया था। पादालून को किशोर बियानी ने 1987 में शुरू किया था, जो उनका पहला ब्रांड था।
पादालून के बाद भी बियानी ने कई वस्तुओं को बेचा। इसमें फाइनेंशियल सर्विसेज को वारबर्ग के साथ 2012 में बेचा गया। 2013 में समूह ने जनरल इंश्योरेंस बिजनेस में 50 प्रतिशत हिस्सा एलएंडटी को 560 करोड़ रुपये में बेचने का फैसला किया था, लेकिन एक साल बाद इस सौदे को कैंसल कर दिया गया।