- पीएमआई के आंकड़ों के इतिहास में सेवा क्षेत्र का उत्पादन गिरकर अब तक के निचले स्तर पर आ गया
- सर्विसिंग व सेवा दोनों के बारे में बताने वाला कंपोजिट पीएमआई आइटम इंडेक्स 50.6 से 7.2 पर आया
दैनिक भास्कर
06 मई, 2020, 01:58 अपराह्न आईएसटी
नई दिल्ली। देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में अप्रैल में गिरकर रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। एक मासिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में बुधवार को कहा गया कि कोरेनावायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में जन-जीवन और व्यावसायिक गतिविधियों पर लगाई गई सख्त पाबंदी (लॉकडाउन) के कारण सेवा क्षेत्र पूरी तरह से ठहर गया है। आइंट्स मार्किट इंडिया के बारे में बिजनेस एक्ट्स इंडेक्स अप्रैल 2020 में भारी गिरावट के साथ 5.4 पर आ गया। मार्च में यह 49.3 पर था। इंडेक्स की ताजा स्थिति बताती है कि दिसंबर 2005 में व्यावसायिक गतिविधियों का रिकॉर्ड रखने की शुरुआत किए जाने के बाद से सेवा क्षेत्र का उत्पादन गिरकर अब तक के निचले स्तर पर आ गया।
इंडेक्स 50 के बराबर नीचे रहता है, क्षेत्र में उतनी ही बड़ी गिरावट का पता चलता है
आईएचएस मार्किट इंडिया के निर्देशों के अनुसार पर्चेजिंग एंडर्स इंडेक्स (पीएमआई) के मुताबिक इंडेक्स • 50 से ऊपर रहता है, तो इससे संबंधित कारोबारी क्षेत्र में विस्तार होने का पता चलता है। इसके उलट यदि इंडेक्स 50 से नीचे रहता है, तो इसका संबंध व्यावसायिक क्षेत्र के उत्पादन में गिरावट का पता चलता है। इंडेक्स 50 से जितना नीचे रहता है, व्यावसायिक क्षेत्र में उतनी ही अधिक गिरावट का पता चलता है। आईएचएस मार्किट के अर्थशास्त्री जो हास ने कहा कि इंडेक्स में 40 से ज्यादा अंक की गिरावट से पता चलता है कि सख्त लॉकडाउन के कारण सेवा क्षेत्र पूरी तरह से ठहर चुका है।
कंपोजिट पीएमआई आइटम इंडेक्स भी 50.6 से गिरकर 7.2 पर आ गया
इस बीच कंपोजिट पीएमआई आइटम इंडेक्स भी 50.6 से गिरकर 7.2 पर आ गया। इससे पता चलता है कि समग्र आर्थिक गतिविधियों में दिसंबर 2005 में आंकड़ों का रिकॉर्ड रखने की शुरुआत किए जाने के बाद से अब तक की सबसे बड़ी गिरावट आई है। कंपोजिट पीएमआई के लिए इंडेक्स सेवा प्रदान करने और दोनों ही क्षेत्रों की गतिविधियों को प्रदर्शित करता है। आंतरिक बिक्री के मामले में सर्वेक्षण के सभी पैनल्स ने गिरावट की बात कही। इससे संबंधित इंडेक्स गिरकर शून्य पर आ गया।
पिछले महीने की अर्थव्यवस्था में 15% की गिरावट आई है
हास ने कहा कि जीडीपी के आंकड़ों की ऐतिहासिक तुलना से पता चलता है कि अप्रैल में भारतीय अर्थव्यवस्था में साल-दर-साल आधार पर 15 प्रतिशत की गिरावट आई है। इससे स्पष्ट है कि कोविड -19 महामारी का भारत पर बहुत गहरा और व्यापक आर्थिक असर हुआ है, लेकिन उम्मीद है कि महामारी को सबसे बुरा दौर गुजर चुका है और लॉकडाउन लॉकडाउन में धीरे-धीरे दिए जा रहे ढील के कारण स्थिति में सुधार की आवश्यकता है। शुरू होगा।
कर्मचारियों की संख्या में आई कमी
रोजगार के बारे में सर्वेक्षण में कहा गया कि व्यावसायिक जरूरतों में गिरावट के कारण सेवा क्षेत्र की कुछ कंपनियों ने अप्रैल में कर्मचारियों की संख्या में कटौती की है। कर्मचारियों की छंटनी रिकॉर्ड स्तर पर हुई, लेकिन लगभग 90 प्रतिशत पैनल्स ने कहा कि उनके कर्मचारियों की संख्या में कोई बदलाव नहीं आया है।
मांग घटने से कीमतों में आई गिरावट
कीमत के मोर्चे पर सर्वेक्षण में कहा गया है कि मार्च के मुकाबले इनपुट और आइटम की कीमतों में गिरावट आई है। हालांकि सेवा क्षेत्र के मुकाबले परिचालन क्षेत्र में कीमतों में गिरावट आई थी। आने वाले महीनों में कारोबारी माहौल में और गिरावट के संकेत मिले हैं। भविष्य में उत्पादन के अनुमान में दिसंबर 2015 के बाद से माह-दर-महीना रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है। कोरोनावायरस को फैलाने से रोकने के लिए 25 मार्च से देशभर में लॉकडाउन लागू है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों की संख्या बुधवार को 49,391 पर पहुंच गई, जबकि इससे मरने वालों की कुल संख्या 1,694 हो गई है।