- जनवरी के बाद से तुरिज्म उद्योग के रेवेन्यू में कमी देखी गई है, दिसंबर तक रिकवरी की उम्मीद नहीं है।
- किसी भी देश में प्रवेश करने के लिए एक स्वास्थ्य चेकअप जरूरी होगा, नकारात्मक रिजल्ट के बाद ही टूरिस्ट उस देश में प्रवेश कर जाएगा।
दैनिक भास्कर
06 मई, 2020, 08:03 AM IST
नई दिल्ली। कोविड -19 महामारी खत्म होने के बाद वैश्विक स्तर पर काफी कुछ बदलाव दिख सकता है। इस महामारी ने देश दुनिया की स्ट्रैटजी को बदल कर रख दिया है। इसने दुनिया को कितना बदला है, इसका अनुभव आप लाकडाउन खत्म होने के बाद कर सकते हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के चलते इकानोमी हैबिट्स हो या सोशल हैबिट्स, कुछ भी पहले की तरह नहीं रहेंगे। जहां पहले से ज्यादा नियम और अनुशासन को फाॅलो करने होंगे। टूरिज्म, व्यापार, कुछ भी पहले की तरह नहीं रहेगा। लॉकडाउन के बाद जब चीजें नार्मल होंगी तो बहुत सी चीजों में परिवर्तन देखने को मिलेगा। हवाई यात्राओं में भी शामिल होंगे।
कम होगा इंटर्न ट्रैवल
टूरिज्म, व्यापार, कुछ भी पहले की तरफ नहीं रहेगा। वैश्विक स्तर पर इकोनामी रिकवरी रेट बेहद स्लो रहेगा। जगह में आर्थिक निर्भरता रहेगी। लॅकडाउन खुलने के बाद भी तुर और तुरिज्म सेक्टर को उबरने में कई महीने लग जाएंगे। विशेष रूप से ऐसे क्षेत्र जो कि पूरी तरह से तुरिज्म पर निर्भर है उनकी परिस्थिति पस्त हो सकती है। छोटे द्वीप जिनके इकोनामी अंतराष्ट्रीय टूरिस्ट पर निर्भर होते हैं वे पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे।
तुरिज्म उद्योग के रेवेन्यू पर को विभाजित -19 का प्रभाव इस तरह देख सकते हैं-
कोविद -19 महामारी का सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव तुरिज्म उद्योग पर पड़ा है। जनवरी के बाद से तुरिज्म उद्योग के रेवेन्यू में कमी देखी गई है। हालांकि दिसंबर तक रिकवरी की उम्मीद नहीं है।
स्त्रोत- विश्व इकोनामी फोर्स
नया करने का अनुभव होगा
न्यू कुकलैंड स्थित पौराणिक द्वीप की बात करें तो कोविड -19 के बाद यहां के निवासी “बाहरी लोगों” को संभावित ट्रोजन हॉर्स के रूप में देखते हैं। लाकडाउन के बाद यहां विमान से आने वाले टूरिस्ट को एजेंट्स हज़मत सूट में स्वागत करेंगे। देश में प्रवेश करने के लिए एक स्वास्थ्य चेकअप जरूरी होगा। नकारात्मक रिजल्ट के बाद ही टूरिस्ट देश में प्रवेश कर जाएगा। मौजूदा संकट के चलते देश-दुनिया में महामारी से लड़ने के नए रणनीति बनाई जाएगी। इसमें तीन बातों को शामिल किया जाएगा- रैडिनेशन, कठोर इम्यूनिटी, सप्रेशन।
अप्रैल 2020 में 80 फीसदी उड़ानें रद्द हो गईं
दुनिया भर में ज्यादा से ज्यादा लोगों को हवाई यात्रा का मौका और सुविधा देने वाला बजट एयरलाइंस खास तौर पर कोरोना महामारी के लॉकडाउन के बाद के हालातों को लेकर चिंता में हैं। ये पूरी तरह से भरने के चलने वाली एयरलाइंस होतीं थीं जो बमुश्किल कुछ मिनटों के लिए जमीन पर ठहरती थीं और फिर से यात्रियों से भरे विमान सहित हवा में उड़ती चली जाती थीं। आईएटीए के अनुसार 2019 की तुलना में अप्रैल 2020 में 80 प्रतिशत उड़ानें बुकिंग रद्द कर दी गई हैं।
बजट में यात्रा कैसे होगी
महामारी के बाद बजट एयरलाइंस सोशल डिस्टेंसिंग के कारणों को लेकर चिंता में हैं। ये पूरी तरह से भरने के चलने वाली एयरलाइंस होतीं थीं जो बमुश्किल कुछ मिनटों के लिए जमीन पर ठहरती थीं और फिर से यात्रियों से भरे विमान सहित हवा में उड़ती चली जाती थीं। लेकिन अब यह इतना आसान नहीं होगा। न तो यात्रियों के लिए और न ही विमानन कंपनियों के लिए।
टैक्सी क्रू के साथ अलग अनुभव
क्रू प्रोटेक्टिव कपड़ों में होंगे, यात्री भी सामान और पहनाव पहनेंगे और क्रूर हर आधे घंटे पर सैनिटाइजर बांटेगा। व्यवसाय और फर्स्ट क्लास में स्कैनजियाड और सील खाने के पैकेट मिलेंगे। फ्लाइट के दौरान भी स्टाफ टोलेट की सफाई का ख्याल रखता है। कुल मिला कर हवाई यात्रा का अनुभव काफी बदलने वाला है।
धीमी बोर्डिंग प्रक्रिया
इसके अलावा टर्मिनल पर यात्रियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के लिए उन्हें दूर दूर रहना होगा और बोर्डिंग की प्रक्रिया बहुत धीरे धीरे पूरी हो पाएगी। इस कारण भी विमानों को दूसरी उड़ान भरने के लिए तैयार होने में ज्यादा देर लगेगा।