महिला वैज्ञानिकों ने फिर से प्रयोग होने वाला एंटी वायरस फंक्शन बनाया
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इस एंटीसेप्ट्स को 50 बार तक प्रयोग किया जा सकता है। सबसे अच्छी बात यह है कि दो पहलुओं की कीमत महज 299 रुपये है।
आईआईटी दिल्ली के स्टार्टअप एंडसेफ सॉल्यूशंस ने ‘एन सेफ’ को इस फेस को बुधवार को लॉन्च किया। इसे बुकसेफ सल्लूशन्स के साथ संलग्नं आईआईटी दिल्ली की पूर्व छात्रा डॉ। अनसूया रॉय और प्रो। मंगला जोशी ने मिलकर तैयार किया है।
डॉ। अनसुया रॉय औरसेसेफ सल्ल्यूशन्स के संस्थापक और सीईओ हैं। वहीं प्रो। मंगला जोशी आईआईटी दिल्ली के टेक्सटाइल और फाईल विभाग की प्रो के अलावा अलावासेफ सल्लूशन्स की संस्थापक और निदेशक हैं।
विशेष क्या है?
एन सेफ फंक्शन एक अत्यधिक रेलवेर्ड फेस है, जिसकी तीन परतें हैं। फेस की सबसे आंतरिक परत हाइड्रोफिलिक है, जिसे इस बात को ध्यान में रखकर बनाया गया है कि पहनने वाले को सांस लेने में आराम हो।
बीच बीच में परत रोगाणुरोधी गतिविधियों के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। सबसे बाहर वाली परत को पानी और तेल विकर्षण के लिए बनाया गया है।
इस पहलू में 99.2 प्रतिशत बैक्टीरियल निस्पंदन दक्षता है। यह अमेरिकन सोसायटी फॉर टेस्टिंग एंड मटियल (एएसआई) के मानकों के आधार पर श्वसन और स्पंदन प्रतिरोधक क्षमता वाला वर्क है।
इस पहलू को पहनने के बाद इसमें साँस लेने में किसी प्रकार की कठिनाई का भी सामना नहीं करना पड़ता है। डॉ। जोशी ने बताया कि यह सूती में बना भारत का पहला माइक्रोबेरियाल फंक्शन है, जिसे दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसे डिटर्जेंट से धोकर और धूप में सुखाकर फिर से प्रयोग किया जा सकता है। इसका उत्पादन भी शुरू हो चुका है।