- आरबीआई और सरकार ने पहले भी दी थी कई राहत
- डीबीटी के तहत एक बड़ी राशि का हो सकता है आवंटन
दैनिक भास्कर
13 मई, 2020, 12:39 अपराह्न IST
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के को विभाजित -19 के राहत पैकेज का पूरा ब्रेकअप आज से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दे सकते हैं। खबर है कि चार दिनों तक इस पर जानकारी दी जाएगी। जिसमें चार एल यानी लैंड, लेबर, लॉ और लिक्विडिटी पर फोकस किया गया है, उसे एक-एक दिन में जारी किया गया है।]आज वित्त मंत्री शाम को 4 बजे पहली घोषणा करेंगी।
12 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का ब्रेकअप हो जाएगा
बता दें कि 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का करीबन 8 लाख करोड़ रुपए पहले ही आरबीआई और सरकार ने जारी कर दिया था। अब 12 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का ब्रेकअप दिया जाएगा। इसमें से 50,000 करोड़ रुपए टैक्स के लिए घोषित किए जा सकते हैं। जबकि पावर सेक्टर को लगभग एक लाख करोड़ रुपए जारी किया जा सकता है। इसी तरह देश के गरीबों के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए एक बड़ी राशि का अलोकेशन हो सकता है। इसमें एनबीएफसी और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को लगभग एक लाख करोड़ रुपए का अलोकेशन हो सकता है।
सेक्टरल सुधार पर जोर दिया जाएगा
तीसरे और चौथे दिन सेक्टरल सुधार पर जोर दिया जा सकता है। इस सुधार में प्रमुख रूप से एविएशन, खनन, रक्षा पर फोकस किया जाएगा। सरकार अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए सुधारों पर ध्यान देगी। इस पैकेज में से बीएमई और एग्रो सेक्टर को सबसे बड़ा हिस्सा मिलेगा। एग्री को जहां 3 लाख करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है वहीं वहीं एमएमई को 2.5 लाख करोड़ रुपए मिल सकते हैं। असंगठित क्षेत्र जैसे टायरला वाले और फेरीवालों के लिए भी इसमें एक बड़ी राशि का आवंटन किया जा सकता है। हाउसिंग सेक्टर को भी एक बड़ा पैकेज मिल सकता है।
एमएसएमई, एविशन और फाइनेंस को ज्यादा पैसा मिलेगा
वित्त मंत्री ने कई चरणों में जारी करेंगी, इसलिए संभव है कि आज पहले दिन जमीन या मजदूर के मामले को लेकर फैसला हो सकता है। सरकार के इस पैकेज से एमएलएमई, एविशन और फाइनेंस सेक्टर ज्यादा मजबूत होंगे। खबर है कि सरकार लिक्विडिटी के जरिए कई सेक्टरों को एक साथ फायदा दे सकती है। लिक्विडिटी का मतलब पैसा बैंकों के जरिए दिया जाएगा जो रियल्टी, कंस्ट्रक्शन, एनबीएफसी आदि सेक्टर पर फोकस किया जाएगा। सरकार टैक्स के ढांचे में बदलाव करेगी और इंपोर्ट ड्यूटी को बढ़ाएगी। इससे उसे 20 लाख करोड़ रुपए को पूरा करने के लिए थोड़ी आसानी से हो सकता है।