- डील को लेकर कंपनी की बातचीत एडवांस स्टेज में पहुंच गई है
- इससे पहले फेसबुक ने जियो में खरीदा था 9.99 प्रतिशत हिस्सा
दैनिक भास्कर
06 मई, 2020, 05:33 PM IST
मुंबई। मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ऑन लाइन फार्मेसी कंपनी नेटमेड्स में 13 करोड़ डॉलर में मैग्ोरिटी हिस्सा खरीद सकती है। कंपनी की बातचीत एडवांस स्टेज में है। इस सौदे से रिलायंस इंडस्ट्रीज ई-कॉमर्स में बड़ा दांव खेल सकता है।
खरीदने के बाद ऑपरेशन को बढ़ाने के लिए रिलायंस और पैसेटेगी के लिए
सूत्रों के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज इस सौदे को 13 से 15 करोड़ डॉलर में पूरी कर सकती है। इसके अलावा कंपनी के ऑपरेशन के विस्तार के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज अलग से भी पैसे कमाएगी। यह काम रिलायंस अपनी दूसरी कंपनी से कराएगी। इसकी वजह रिलायंस में इसका सीधा एंट्री नहीं करना है। फार्मेसी कंपनी नेटमेड्स की शुरुआत प्रदीप दाधा ने 2015 में की थी।
नेटमेड्स ने रिलायंस रिटेल के साथ टाईअप किया है
वहीं रिलायंस के प्रवक्ता ने कहा कि हमारी कंपनी एक निरंतर आधार पर विभिन्न अवसरों का मूल्यांकन करती है। किसी भी विवरण को सेबी के अनुसार, एक्सोन की इंगित करेगा। डाधा ने कहा कि नेटमेड्स ने रिलायंस रिसेटेल के साथ टाईअप किया है और इसके जरिए वह जरूरी सामानों जैसे ग्राउंडरीज आदि की सप्लाई करेगा। नेटमेड्स अपने रेवेन्यू का 90 प्रतिशत दवा बनाने में खर्च करता है। यह 1 एमजी, मेडलाइफ और फार्मेसी जैसे अन्य दवा वितरण प्लेटफार्मों के सामान को तैयार करता है।
40 लाख लोग खरीद रहे हैं ऑन लाइन दवा
मार्केट रिसर्च फर्म रेडसीर की रिपोर्ट के मुताबिक, कंसल्टेंसी और डायग्नोस्टिक्स सहित ई-फार्मा इंडस्ट्री करीब 1.2 अरब डॉलर की है। यह पांच साल में लगभग 16 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। जबकि 40 लाख से अधिक परिवार पहले से ही ऑन लाइन दवा खरीद रहे थे। अतः अब ज्यादा से ज्यादा लोग ऑनलाइन दवा खरीद रहे हैं। कोविड -19 से पहले इन उत्पादों की बिक्री 10-20 गुना तक थी। एक अन्य ई-फार्मा प्लेटफॉर्म के सीईओ ने कहा, “आर्डर वोल्युम अभी भी कोविद -19 से पहले की तुलना में अधिक हैं। लेकिन आगे बढ़ते हुए हम बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए सप्लाई से संबंधित समस्याओं और मैनपावर की कमी देख रहे हैं। ।
फार्मा सेक्टर में रिलायंस का यह दूसरा बड़ा कदम है
रिलायंस और नेटमेड्स के बीच बातचीत कोरोनावायरस लॉकडाउन से पहले चल रही थी। नेटमेड्स वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट के साथ भी बातचीत की थी। फार्मा सेक्टर में रिलायंस का यह दूसरा बड़ा कदम होगा। पिछले साल उन्होंने बेंगलुरु स्थित सी-स्क्वायर इंफो सॉल्यूशंस में 82 प्रतिशत का अधिग्रहण कुल 82 करोड़ रुपये में किया था, जो फार्मा सेक्टर में डिस्ट्रीब्यूटर्स, रिटेलर्स और सेल्स फोर्स के लिए सॉफ्टवेयर बनाता है। कंपनी के कुछ क्लाइंट्स में अपोलो फार्मेसी, एकॉक इंग्राम और अन्य खिलाड़ी शामिल हैं।
यह पहल रिलायंस के ऑनलाइन-टू-नर्सिंग (O2O) वाणिज्य व्यापार को बढ़ा रही है। इससे पहले फेसबुक ने रिलायंस के टेलीकॉम और डिजिटल सेवाओं के कारोबार जियो प्लेटफॉर्म्स में 9.99 प्रतिशत हिस्सा के लिए 5.7 बिलियन डॉलर निवेश किया था।