न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
अपडेटेड सत, 09 मई 2020 12:44 PM IST
राम मंदिर का प्रस्तावित मॉडल
– फोटो: अमर उजाला
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अधिसूचना में कहा गया है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र एक ऐतिहासिक महत्वपूर्णता वाली जगह है और पूजा का एक लोकप्रिय स्थल है। शिशु अधिनियम की धारा 80 जी की उप-धारा (दो) के खंड (बी) के तहत इसके निर्माण में जुटे ट्रस्ट को दान करने वाले लोगों को 50 प्रतिशत तक की छूट दी जा सकती है।
ट्रस्ट की आय अन्य प्रवर्धित धार्मिक ट्रस्टों की तरह शिशु अधिनियम की धारा 11 और 12 के तहत छूट के दायरे में होगी। हालांकि धारा 80 जी के तहत सभी धार्मिक ट्रस्टों में दान करने वालों के लिए शिशु में छूट का प्रावधान नहीं है। किसी धर्मार्थ या धार्मिक ट्रस्ट को पहले धारा 11 और 12 के तहत शिशु छूट के लिए पंजीकरण के लिए आवेदन करना होता है, जिसके बाद धारा 80 जी के तहत दान दाताओं को छूट दी जाती है।
इससे पहले केंद्र सरकार ने 2017 में चेन्नई के मायलापुरमेंट स्थित अरुलमिगु कपालेश्वर थिरुकोइल, कोट्टिवक्कम में स्थित श्री श्रीनिवास पेरुमल मंदिर और महाराष्ट्र के सज्जनगढ़ में स्थित श्रीराम और रामदास स्वामी समाधि मंदिर और रामदास स्वामी मठ जो ऐतिहासिक महत्त्व और सार्वजनिक पूजा स्थलों के रूप में आते हैं। भौतिकी अधिनियम 80 जी के तहत छूट दी गई थी।
इसके अलावा पंजाब के अमृतसर में स्थित गुरुद्वारा श्री हरमंदिर साहिब में दान करने वालों को भी शिशु में छूट दी गई थी। बता दें कि आठ नवंबर 2019 को सर्वोच्च न्यायालय ने राम जन्मभूमि मामले पर अपना फैसला सुनाया था। अदालत ने कहा कि विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण होगा और मस्जिद निर्माण के लिए सरकार को पांच एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया था।