• कहा- पाकिस्तानी जल्द ही यह महसूस करेंगे कि उन्होंने कितना खतरनाक प्रतिनिधि किया
  • पाकिस्तान में सीपेक के आसपास के इलाके में रहने वाले लोग कोरोना के कारण डरे हुए हैं

दैनिक भास्कर

06 मई, 2020, 08:03 PM IST

वॉशिंगटन। पाकिस्तान के अमेरिका से बिगड़ते संबंध और चीन से बढ़ती दोस्ती पर अमेरिकी रक्षा विभाग के एक पूर्व अधिकारी ने चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान चीन का पार्टनर नहीं बल्कि कॉलोनी (उपनिवेश देश) बन रहा है।
पटागाँव के एक पूर्व अधिकारी डॉ। माइकल रुबिन ने कहा है कि पाकिस्तान ने चीन से हाथ मिलाना तब शुरू किया जब अमेरिका और भारत में दोस्ती बढ़ रही थी। पाकिस्तान का मानना ​​है कि चीन उनका ऐसा साथी है जो लाइन ऑफ कंट्रोल से भारत की जवाबी कार्रवाई को थाम सकता है। साथ ही चीन कभी पाकिस्तानी भ्रष्टाचार, अल्पसंख्यकों की खराब हालत और मानवाधिकारों का खस्ताहाल होने पर पाकिस्तान की आलोचना भी नहीं करता है। इसके साथ ही चीन के लिए पाकिस्तान एक बड़ा बाजार है जो पश्चिम एशिया के देशों और जायवादर में रणनीतिक बंदरगाह तक पहुंच दे सकता है।

पाकिस्तान यह नहीं समझ रहा है कि चीन से समझौता कितना खतरनाक है
नेशनल इंटरेस्ट की ओर से प्रकाशित आर्टिकल में रुबिन ने कहा, ‘यह पाकिस्तानी जल्द ही यह महसूस करेगा कि उनके देश ने कितना खतरनाक अधिकार किया है। पाकिस्तान ने एक ऐसे देश से समझौता किया है, जिसने धर्म के आधार पर दस लाख उइगर मुसलमानों को कैंपों में कैद कर रखा है। पाकिस्तानियों के मरने और उनके अपमान के बारे में चीन को कोई फर्क नहीं पड़ता है। ”

कोरोनावायरस फैलने पर सीपेक केआस दर के लोग डरे हुए हैं
रुबिन ने कहा- जब से कोरोनावायरस खिंचाव है गिलगिट-बाल्टिस्तान, टैगके, पंजाब, सिंध और बलूचिस्तान में सीपेक (चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) के आसपास रहने वाले लोग ड्रेड हुए हैं। लोगों का मानना ​​है कि इस क्षेत्र में चीनियों की मौजूदगी से महामारी आग की तरह फैलेगी। रुबिन के मुताबिक चीन के दबाव की वजह से ही पाकिस्तान ने अपने यहां पूरी तरह से लॉकडाउन नहीं किया।
उन्होंने कहा कि जब कोरोना महामारी फैली तब बहुत से चीनी कर्मचारी नए साल मनाने के लिए चीन में थे, लेकिन अब वे सुनवाई को तैयार हैं।) ऐसे में लोगों के सामने बड़ा खतरा है। सीपेक में 10 से 15 हजार चीनी कर्मचारी काम करते हैं। चीन ने सीपेक में कर्मचारियों की टेस्टिंग और क्वारंटाइन करने की कोई तैयारी नहीं की है।





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