नई दिल्ली: वैश्विक महामारी कोरोनावायरस (कोरोनावायरस) के कारण पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था कमजोर हो गई है। लोगों की सुरक्षा छिन रही हैं। बेरोजगारी का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में अमेरिका अपने नागरिकों की नौकरी बचाने के लिए दूसरे देशों से नौकरी के लिए आने वालों पर अस्थाई रोकना शुरू कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (डोनाल्ड ट्रम्प) नौकरी से संबंधित जैसे एच -1 बी वीजा पर अस्थायी रोक लगाए गए। गौरतलब है कि भारतीय आईटी पेशेवरों के बीच लोकप्रिय एच -1 बी वीजा एक गैर-अप्रवासी वीजा है। जिससे अमेरिकी कंपनियों को विशेष रूप से दूसरे देश के लोगों को अस्थायी तौर पर विशेष सेगमेंट में नौकरी पर रखने की अनुमति मिलती है। वर्तमान में अमेरिका में एच -1 बी वीजा पर 500,000 प्रवासी कर्मचारी नौकरी करते हैं।
वाल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रंप के सलाहकार एक आगामी आदेश पर काम कर रहे हैं। संभावना है कि इस महीने नौकरी संबंधित कुछ वीजा पर अस्थायी रोक लग सकती है। माना जा रहा है कि अत्याचारी कौशल वाले कर्मचारियों के लिए एच -1 बी और सीजनल प्रवासी श्रमिकों को दिए जाने वाले वीजा एच -2 बी पर रोक लग सकते हैं।
वहीं एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि संभव है कि एच -1 बी वीजा पर एक साल तक रोक लग सकती है, जब तक कि अमेरिका में बेरोजगारी के आंकड़े सामान्य नहीं होंगे।
पहले से विदेशियों के रहने पर कोई असर नहीं
राष्ट्रपति ट्रम्प के इस फैसले से वे विदेशी प्रभावित नहीं होंगे जो पहले से ही अमेरिका में नौकरी कर रहे हैं। यह कदम कोरोनावायरस की वजह से अमेरिकियों की नौकरी की सुरक्षा के लिए उठाया जा रहा है। आपको बता दें कि अमेरिकी कंपनियां अपने कर्मचारियों के रिकॉर्ड तोड़ छंटनी कर रही हैं। बीते दो महीनों में कोरोनावायरस महामारी के कारण अमेरिका में लगभग 3 करोड़ से भी अधिक लोग बेरोजगार हो गए हैं।
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